मधेपुरा जिले के सबसे चर्चित एसपी के स्काउट जिप्सी से बरामद महज एक बोतल शराब पुलिस महकमे को दागदार कर दिया. एसपी के कड़े तेवर ने अब तक एक थानाध्यक्ष, एक दरोगा और चार सिपाही को निलम्बित किया है. इतना ही नहीं तीन सिपाही को जेल भी भेज दिया. वैसे तीनों को न्यायालय से बेल मिल गया. जबकि चौथा सिपाही पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया. जिससे एक दारोगा को निलम्बित कर दिया गया. एसपी ने शराब प्रकरण में चौसा के थानाध्यक्ष की भूमिका पर उठे सवाल पर कार्रवाई के लिए डीआईजी सुरेश प्रसाद चौधरी को अनुशंसा किया. उसपर डीआईजी ने थाना अध्यक्ष को निलम्बित कर दिया है. एसपी ने फरार सिपाही के विरूद्ध न्यायालय से वारंट के लिए आग्रह किया है, फिर भी सिपाही पकड़ में नहीं आया तो कुर्की जब्ती करने की बात कही है.
एसपी योगेन्द्र कुमार ने कहा कि शराब बरामदगी मामले की जांच में पता चला कि शराब चौसा थाना पुलिस के द्वारा सुरक्षा गार्ड को मुहैया कराया गया था. इस बावत शुक्रवार को डीआईजी को थानाध्यक्ष चौसा के खिलाफ अनुशंसा की गयी थी जिसमें शनिवार को डीआईजी ने थानाध्यक्ष के विरूद्ध अपने थानाकर्मी के नियंत्रण के अभाव के आरोप में निलम्बित कर दिया है.
एसपी ने कहा कि चौसा थानाध्यक्ष को निलम्बित करते हुए लाइन हाजिर किया गया है. फिलहाल चौसा के कनीय पुलिस पदाधिकारी को तत्काल थाना संचालन की जिम्मेदारी दी गयी. जल्द ही थानाध्यक्ष का पोस्टिंग किया जायेगा.
एसपी के एक के बाद एक कार्रवाई से पुलिस महकमे के होश उड़ गये हैं. थानाध्यक्ष से लेकर थाने में तैनात पुलिस पदाधिकारी, सिपाही सभी अपने कर्तव्य के प्रति काफी सजग दिख रहे हैं. फिलहाल फरार सिपाही को खोज निकालने में लगी दो डीएसपी टीम विफल साबित हुई है.

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