मिली जानकारी के अनुसार सदर थाना क्षेत्र के श्रीपुर गांव का रहने वाली पीड़िता ने सदर थाना मे आवेदन देकर कहा कि मधेपुरा के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया कृषि शाखा में मेरा बचत खाता है. मैं 9 सितंबर को अपने खाता से अपने भाई को 10 हजार रूपये ट्रांसफर किया लेकिन रूपया मेरे भाई के खाता में नहीं गया तो 11 सितंबर को मैंने गूगल से मिले कस्टमर केयर के नंबर पर मैसेज भेज कर घटना की जानकारी दी, लेकिन मेरे भाई के खाता में रूपया नहीं गया।
पीडि़ता ने आवेदन मे कहा कि 27 सितम्बर को मोबाइल संख्या 9832786544 से फोन आया कि मैं कस्टमर केयर का अधिकारी बोल रहा हूँ. मैंने कस्टमर केयर का अधिकारी समझ कर भरोसा करते अपनी समस्या बताया. उन्होंने कुछ नीरेश दिए और उनके निर्देशानुसार जैसे मैंने अपने मोबाइल का पांच अंक का नम्बर बताया कि मेरे खाता से दो बार क्रमश: 14 हजार 961 रूपया और 82 हजार 108 रूपये मेरे खाता से निकासी हो गया । कुल निकासी की राशि 97 हजार 69 रूपया है।
पीड़िता ने थानाध्यक्ष से अनुरोध किया घटना को लेकर मामला दर्ज करते हुए निकासी गये राशि को वापस लाया जाय ।
थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि घटना को लेकर मामला दर्ज किया गया है । मामले की जांच शुरू की गई है।
मालूम हो कि जिले अब तक साइबर क्राइम से जुड़े सैंकड़ों मामले थाना में दर्ज है। शातिर साइबर अपराधियों ने अनगिनत लोगों को चूना लगाया है लेकिन किसी पीड़ित की राशि की रिकवरी नहीं हो सकी है । थाना स्तर पर साइबर क्राइम से जुड़े मामले में न तो एक्सपर्ट पदाधिकारी हैं और न वैसी व्यवस्था है, जिसके कारण पुलिस भी इस तरह की घटना पर हाथ उपर कर देते है। जिसका खामियाजा पीडि़त को भोगना पड़ता है।
दो वर्ष पूर्व कोशी प्रक्षेत्र के डीआईजी सुरेश कुमार चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे कहा था कि जल्द ही जिले मे साइबर क्राइम थाना का निर्माण किया जा रहा है लेकिन आज तक घोषणा धरातल पर नहीं उतरा है। फिलहाल साइबर क्राइम से जुड़े का निष्पादन पटना के भरोसे है।
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