राष्ट्रीय झंडोत्तोलन कर मनाई गई महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री की जयंती

मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड के सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों में महात्मा गांधी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई. जहाँ गांधी पुस्तकालय चौसा के परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं तथा भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय झंडोतोलन कर पुस्तकालय के अध्यक्ष श्रवण कुमार पासवान के द्वारा सलामी दी गई. 

सभा कक्ष में बापू की 151वीं एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती समारोह में आगत बुद्धिजीवियों द्वारा उनके छाया चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी. पुस्तकालय के सचिव विनोद आजाद ने कहा कि बापू का जीवन ही सफलता की सीढ़ी है. बापू ने कहा था कि तीन पाप वासना, क्रोध और लालच से जो दूर रहेगा उसका जीवन सार्थक और वह नैतिकवान व्यक्ति बनेगा. उन्होंने बापू के बताए राह पर चलने की जरूरत बताया. वहीं पूर्व अध्यक्ष अवधेश कुमार ने कहा कि गांधी पुस्तकालय बापू दर्शन का जीता जागता सबूत है. पूर्व सचिव प्रो. विजय कुमार गुप्ता ने गांधी पुस्तकालय को ऐतिहासिक धरोहर बताते हुए कहा कि इसे संरक्षित और विकसित करने की जरूरत है. 

मौके पर पुस्तकालय के कोषाध्यक्ष मनोज शर्मा, पुस्तकालय अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, अनिल पोद्दार, श्रीकांत मेहता, आरिफ आलम, संजय कुमार यादव, सत्येंद्र नारायण मेहता, कमल किशोर शर्मा, प्रेम सुंदर गुप्ता, मोहम्मद फूल शहीद, जयप्रकाश मेहता, आफताब आलम, सुरेश चौरसिया, कुंज बिहारी शास्त्री, ओम प्रकाश मेहता, विनोद दास, हरि नंदन पोद्दार, संजय कुमार पासवान, शुभम अग्रवाल आदि मौजूद थे. 

वहीं बापू के प्रिय भजन गायन व सर्व धर्म प्रार्थना सभा भी हुई. समारोह की अध्यक्षता श्रवण कुमार पासवान ने की. वहीं महादेव लाल मध्य विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर सच्ची श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर संकुल संसाधन केंद्र, मध्य विद्यालय, चौसा के समन्वयक विजय कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा का जो मार्ग दिखाया है वह हर कालखंड के लिए प्रासंगिक है. जबकि लालबहादुर शास्त्री की इमानदारी बेमिसाल और जीवन के हर क्षेत्र के लिए अनुकरणीय है. गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान ने कहा कि गांधी जी न होते तो हमें और भी देर से आजादी मिलती. उन्होंने कहा कि खंड-खंड में बंटे स्वतंत्रता आंदोलन को महात्मा गाँधी ने ही एक सूत्र में पिरोकर राष्ट्रीय स्वरूप दिया था, लिहाजा हमें आजादी मिली. 

शिक्षक यहिया सिद्दीकी ने कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया के लिए गांधीवाद ही एकमात्र विकल्प है. गांधीवाद ही ऐसा दर्शन है जिसे सभी विचारधारा के लोग मानते हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया जिस तरह से हिंसक हो रही है उससे गांधीवाद ही मुक्ति दिला सकता है. श्री सिद्दीकी ने यह भी कहा कि देश के शीर्ष पद तक पहुंच कर शास्त्री जी ने इमानदारी और सादगी का जो उदाहरण प्रस्तुत किया था उसे अपना कर भ्रष्टाचार समाप्त किया जा सकता है. सभा में गांधी-शास्री जी के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर श्रध्दांजलि अर्पित की गई. 

मौके पर संकुल समन्वयक विजय कुमार, प्रधानाध्यापक सचिन्द्र पासवान, शिक्षक  सत्यप्रकाश भारती, यहिया सिद्दीकी, प्रणव कुमार, भालचंद्र मंडल, शमशाद नदाफ, शिक्षिका रीणा कुमारी, शिक्षा सेविका सुफिया शबनम सहित कई लोग उपस्थित थे.

राष्ट्रीय झंडोत्तोलन कर मनाई गई महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री की जयंती राष्ट्रीय झंडोत्तोलन कर मनाई गई महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री की जयंती Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 02, 2020 Rating: 5

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