16 से 29 सितंबर तक चलेगा दस्त नियंत्रण पखवारा

मधेपुरा जिले के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मुरलीगंज में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि दस्त से होने वाले शिशु मृत्युदर को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से राज्य में सघन दस्त नियंत्रण पखवारा का आयोजन किया जा रहा है.

 वहीं कोरोना के कारण इसका आयोजन 16 से 29 सितंबर तक किया जाएगा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी कक्ष में आज आशा कार्यकर्ताओं को ओआरएस और डायरिया से होने वाले मृत्युदर को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. जिसे ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग की समझ द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है. इस दौरान एल्बेंडाजोल गोली व विटामिन ए गोली के वितरण करने के बारे में भी जानकारी दी गयी. 

अति संवेदनशील क्षेत्र- शहरी, झुग्गी-झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्टे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिन्हित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों वहां आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना एवं इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई, हाथ धोने के तरीके की जानकारी दी जायेगी. साथ ही दस्त से बचाव को लेकर सभी प्रकार के तरीके को भी बताया जायेगा. वहीं पानी जैसा लगातार दस्त हो रहा हो, बार-बार उल्टी हो रही हो, अधिक प्यास लग रहा हो, पानी न पी पाना, बुखार होना व मल में खून आ रहा हो तो तुरंत अस्पताल जाएं.

मौके पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक मो शहाबुद्दीन ने बताया कि इस बार स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को सही समय पर दवाई नहीं उपलब्ध करवाई जा सकी. अब ग्रामीण क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 06 वर्ष से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों को दवाई का वितरण करेगी. बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर यह दवा बच्चों को खिलाई जाती है. इस दवा से बच्चों के पेट के कीड़े मरते हैं. यह दवा परजीवी की सूक्ष्म-प्रोटीन पर वार करता है. शरीर को नुकसान पहुंचाएं बिना यह परजीवियों एवं कीड़ों को नष्ट कर देता है. इससे बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहता है. कुछ खाने के बाद ही यह दवा ली जाती है. 

वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक, इस दवा से शरीर को कोई बड़ा नुकसान तो नहीं होता, लेकिन जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द और पेट दर्द आदि की शिकायतें हो जाती है. दरअसल, जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं उन पर यह दवा सीधे अटैक करती है. ऐसी स्थिति में शरीर में हलचल हो जाती है. करीब दो घंटे बाद स्थिति सामान्य हो जाती है.

वहीं मौके पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक मो. सहाबउद्दीन, बीएमसी मुरारी साह, बीसीएम राजू कुमार, एएनएम वंदना कुमारी, सुजाता कुमारी एवं अन्य मौजूद थीं.

16 से 29 सितंबर तक चलेगा दस्त नियंत्रण पखवारा 16 से 29 सितंबर तक चलेगा दस्त नियंत्रण पखवारा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 16, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.