मधेपुरा सदर अस्पताल में केमिकल अटैक के तीसरे दिन भी डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी और इलाजरत रोगी के बीच दहशत की लकीर दिखी.
डॉक्टर को आशंका है कि घटना को अंजाम देने वाले उनके साथी बदले की कार्रवाई कर सकते हैं इसी कारण सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अस्पताल में पुलिस पोस्ट बनाने की मांग जिला प्रशासन से की है.
मालूम हो कि सोमवार की रात रोगी बनकर आये असामाजिक तत्वों का जत्था अस्पताल के इमर्जेंसी के ओ.टी. कक्ष में केमिकल अटैक की घटना को अंजाम दिया. केमिकल अटैक से अफरा-तफरी मच गई. स्वास्थ्य कर्मी, रोगी और उनके परिजनों की अचानक तबियत बिगड़ने लगी. शुक्र था कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. वैसे घटना को अंजाम देने वाले चार युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लेकिन फिलहाल युवक के छह और साथी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.
वहीं सूत्रों की माने तो सदर अस्पताल में स्वास्थ्य माफियाओं का जमावड़ा लगा रहता है. माफिया सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले रोगी को दिग्भ्रमित कर निजी क्लिनिक ले जाकर उनका आर्थिक शोषण करते हैं. ऐसे तत्वों का डॉक्टर विरोध करते हैं. ऐसी आशंका है कि घटना के पीछे डॉक्टरों को मजा चखाने की योजना थी. इस बात की पुष्टि डॉक्टर के बयान से हुई है.
सूत्र तो ये भी कहते हैं कि मानो हर दिन अस्पताल के आगे दर्जन भर ऐसे युवक डेरा डाले रहते हैं जो खासकर पूरी रात अस्पताल के आगे जमे रहते हैं और रोगी के परिजनों को निशाना बनाते हैं. यहां एक गिरोह काम कर रहा है जिसका सम्बन्ध यहां के विभिन्न निजी नर्सिंग होम से है. गिरोह का सरगना पर्दे के पीछे से गिरोह का संचालन करता है. उनके इशारे पर बाधा बनने वाले के खिलाफ घिनौना काम किया जाता है.
पूरे प्रकरण में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ गयी है. नामजद आरोपी की गिरफ्तारी के साथ-साथ पर्दे के पीछे स्वास्थ्य माफिया के सरगना को बेनकाब करने की भी जरूरत है. पुलिस की माने तो सभी आरोपी फरार हैं.
बुधवार को सदर अस्पताल में आम दिनों की तरह ही डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी तैनात दिखे लेकिन सोमवार कि घटना को लेकर उनके चेहर पर दहशत की लकीर साफ नजर आ रही थी. इस बात की पुष्टि अस्पताल उपाधीक्षक डा. डी.पी. गुप्ता ने की है और इन्होंने जिला प्रशासन से अस्पताल परिसर में पुलिस पोस्ट बनाने की मांग की है.
डॉक्टर को आशंका है कि घटना को अंजाम देने वाले उनके साथी बदले की कार्रवाई कर सकते हैं इसी कारण सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अस्पताल में पुलिस पोस्ट बनाने की मांग जिला प्रशासन से की है.
मालूम हो कि सोमवार की रात रोगी बनकर आये असामाजिक तत्वों का जत्था अस्पताल के इमर्जेंसी के ओ.टी. कक्ष में केमिकल अटैक की घटना को अंजाम दिया. केमिकल अटैक से अफरा-तफरी मच गई. स्वास्थ्य कर्मी, रोगी और उनके परिजनों की अचानक तबियत बिगड़ने लगी. शुक्र था कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. वैसे घटना को अंजाम देने वाले चार युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लेकिन फिलहाल युवक के छह और साथी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.
वहीं सूत्रों की माने तो सदर अस्पताल में स्वास्थ्य माफियाओं का जमावड़ा लगा रहता है. माफिया सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले रोगी को दिग्भ्रमित कर निजी क्लिनिक ले जाकर उनका आर्थिक शोषण करते हैं. ऐसे तत्वों का डॉक्टर विरोध करते हैं. ऐसी आशंका है कि घटना के पीछे डॉक्टरों को मजा चखाने की योजना थी. इस बात की पुष्टि डॉक्टर के बयान से हुई है.
सूत्र तो ये भी कहते हैं कि मानो हर दिन अस्पताल के आगे दर्जन भर ऐसे युवक डेरा डाले रहते हैं जो खासकर पूरी रात अस्पताल के आगे जमे रहते हैं और रोगी के परिजनों को निशाना बनाते हैं. यहां एक गिरोह काम कर रहा है जिसका सम्बन्ध यहां के विभिन्न निजी नर्सिंग होम से है. गिरोह का सरगना पर्दे के पीछे से गिरोह का संचालन करता है. उनके इशारे पर बाधा बनने वाले के खिलाफ घिनौना काम किया जाता है.
पूरे प्रकरण में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ गयी है. नामजद आरोपी की गिरफ्तारी के साथ-साथ पर्दे के पीछे स्वास्थ्य माफिया के सरगना को बेनकाब करने की भी जरूरत है. पुलिस की माने तो सभी आरोपी फरार हैं.
बुधवार को सदर अस्पताल में आम दिनों की तरह ही डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी तैनात दिखे लेकिन सोमवार कि घटना को लेकर उनके चेहर पर दहशत की लकीर साफ नजर आ रही थी. इस बात की पुष्टि अस्पताल उपाधीक्षक डा. डी.पी. गुप्ता ने की है और इन्होंने जिला प्रशासन से अस्पताल परिसर में पुलिस पोस्ट बनाने की मांग की है.
दहशत में डॉक्टर, अस्पताल परिसर में बने पुलिस पोस्ट- उपाधीक्षक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 08, 2020
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