मधेपुरा जिले में 01 अगस्त को आयोजित होने वाली बकरीद की तैयारी शुरू हो गयी है. बकरे की कीमत में तेजी न आ जाय इसे देखते हुए मुसलमान समुदाय के लोग पूर्व में ही बकरे की खरीददारी कर लिए हैं.
बकरों को प्यार से अपने परिवार के बीच रखा जा रहा है जिसकी कुर्बानी बकरीद के मौके पड़ दी जाएगी. बकरीद को लेकर नमाज की तैयारी भी चल रही है. इसके लिए जिला मुख्यालय स्थित ईदगाह समेत जिले के अन्य भागों के ईदगाहों की सफाई की जा रही है.
बकरीद में एक-दूसरे से गले नहीं मिल सकेंगे लोग
गौरतलब है कि बकरीद कुर्बानी का त्योहार है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अपनी हैसियत के अनुसार अल्लाह की राह में बकरे की कुर्बानी दी जाती है तथा लोग एक दूसरे से गले मिलकर प्रेम बांटते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण गले मिलने पर प्रतिबंध रहेगा.
समाजसेवी शौकत अली ने बताया कि बकरीद के मौके पर कुर्बानी देने के लिए उन्होंने 21 हजार रुपए में सदर प्रखंड के मुरहो से दो बकरे की खरीददारी की है. बकरे का नाम शेरा और शेरु रखा गया है. अभी दोनों बकरे उनके परिवार के सदस्य के रुप में घर में ही रहते हैं. दोनों को काफी प्यार से भोजन भी दिया जा रहा है. दोनों बकरे की कुर्बानी बकरीद के दिन दी जाएगी. उन्होंने बताया कि कुर्बानी के बाद मांस का दो भाग गरीबों के बीच बांट दिया जाएगा तथा शेष बचे मांस अपने परिवार व दोस्तों को खिलाया जाएगा.
वहीं मो. अली ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन के आदेश को मानते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाकर ईदगाह तथा जामा मस्जिद में नमाज अदा की जाएगी. इसके साथ ही इस मौके पर गले नहीं मिला जाएगा तथा हाथ भी नहीं मिलाया जाएगा. लिहाजा दूर से नमस्ते कहकर ही आपस में प्रेम बांटा जाएगा. मुसलमान भाईयों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे अपने घरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाकर नमाज अदा करें तथा प्रशासन के निर्देश का पालन करें. उन्होंने कहा कि ईदगाह पर मो. नूरी के खुतबा के साथ नमाज की शुरुआत होगी.
(रिपोर्ट: कुमारी मंजू)
बकरों को प्यार से अपने परिवार के बीच रखा जा रहा है जिसकी कुर्बानी बकरीद के मौके पड़ दी जाएगी. बकरीद को लेकर नमाज की तैयारी भी चल रही है. इसके लिए जिला मुख्यालय स्थित ईदगाह समेत जिले के अन्य भागों के ईदगाहों की सफाई की जा रही है.
बकरीद में एक-दूसरे से गले नहीं मिल सकेंगे लोग
गौरतलब है कि बकरीद कुर्बानी का त्योहार है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अपनी हैसियत के अनुसार अल्लाह की राह में बकरे की कुर्बानी दी जाती है तथा लोग एक दूसरे से गले मिलकर प्रेम बांटते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण गले मिलने पर प्रतिबंध रहेगा.
समाजसेवी शौकत अली ने बताया कि बकरीद के मौके पर कुर्बानी देने के लिए उन्होंने 21 हजार रुपए में सदर प्रखंड के मुरहो से दो बकरे की खरीददारी की है. बकरे का नाम शेरा और शेरु रखा गया है. अभी दोनों बकरे उनके परिवार के सदस्य के रुप में घर में ही रहते हैं. दोनों को काफी प्यार से भोजन भी दिया जा रहा है. दोनों बकरे की कुर्बानी बकरीद के दिन दी जाएगी. उन्होंने बताया कि कुर्बानी के बाद मांस का दो भाग गरीबों के बीच बांट दिया जाएगा तथा शेष बचे मांस अपने परिवार व दोस्तों को खिलाया जाएगा.
वहीं मो. अली ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन के आदेश को मानते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाकर ईदगाह तथा जामा मस्जिद में नमाज अदा की जाएगी. इसके साथ ही इस मौके पर गले नहीं मिला जाएगा तथा हाथ भी नहीं मिलाया जाएगा. लिहाजा दूर से नमस्ते कहकर ही आपस में प्रेम बांटा जाएगा. मुसलमान भाईयों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे अपने घरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाकर नमाज अदा करें तथा प्रशासन के निर्देश का पालन करें. उन्होंने कहा कि ईदगाह पर मो. नूरी के खुतबा के साथ नमाज की शुरुआत होगी.
(रिपोर्ट: कुमारी मंजू)
तैयारी शुरू: बकरीद पर दिखेगा कोरोना का असर, आपस में गले नहीं मिल सकेंगे लोग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 28, 2020
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