अनियमितता, सरकारी कार्य को अवरूद्ध करने, धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी राशि का गबन करने के मामले पर डीएम नवदीप शुक्ला के आदेश पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई.सी.डी.एस. मो० कबीर ने सदर थाना में आवेदन देकर सहरसा के गोल्डेन प्रिटिंग प्रेस के प्रोपराइटर मो० एजाज आलम के खिलाफ मधेपुरा सदर थाना में मामला दर्ज कराया है.
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मो० कबीर ने सदर थाना में आवेदन देकर कहा कि डीएम के आदेश पर चयनित आंगनबाड़ी केंद्र पर वाल पेंटिंग और फ्लेक्स लगाने का आदेश सह शर्त दिया गया था लेकिन गोल्डेन प्रिटिंग प्रेस ने फ्लेक्स का सप्लाई और आंगनबाड़ी केन्द्र में किये गये वाल पेंटिग में मापदंड पूरा नहीं किया. इसका खुलासा डीएम के जांच के दौरान हुआ. डीएम ने आदेश के अनुरूप कार्य पूरा नहीं होने पर प्रेस के प्रोपराइटर को सूचना दी तो, प्रोपराइटर ने अपनी गलती यह कहकर स्वीकार किया कि स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है. जल्द ही कार्य गुणवत्तापूर्ण कर दिया जायेगा.
इसी बीच वित्तीय वर्ष 19-2020 आने पर प्रिटिंग प्रेस के प्रोपराइटर ने अनुरोध किया कि चूँकि वित्तीय वर्ष में अगर राशि की निकासी नहीं होगी तो आवंटन लौट जाएगा. इस बात के मद्देनजर कार्य का भुगतान किया जाना चाहिए. इस अनुरोध पर विभाग ने उनके किये गये कार्य को अपने पत्रांक 178 / 06 मार्च 20 द्वारा कोषागार में प्रस्तुत विपत्र राशी 10 लाख 20 हजार रूपये में 2 प्रतिशत राशि काटकर प्रेस मालिक के एकाउंट मे ट्रांसफर कर दिया, लेकिन उसके बाद प्रेस मालिक ने मोबाइल उठाना बंद कर दिया लेकिन विभाग ने लगातार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला तो उन्हे चेतावनी भी दी गयी कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी लेकिन प्रोपराइटर आदेश की अनदेखी करते रहे.
आखिरकार विभाग ने सम्बन्धित परियोजना पदाधिकारी को गोल्डेन प्रिंटिंग प्रेस से किये गये कार्य की जांच करायी तो पता चला कि वाल पेन्टिंग प्रति ईकाई 20 हजार की जगह पर मात्र 2-3 हजार रूपये का किया गया है जबकि वाल पेंटिंग और फ्लेक्स की आपूर्ति आदेश के अनुरूप नहीं पाया गया.
बताया गया कि विभाग ने फ्लेक्स मद में 8 लाख 25 हजार और वाल पेन्टिंग मद में 5 लाख 20 हजार में प्रिटिंग प्रेस मालिक के खाते मे 2 प्रतिशत आयकर काट कर उनके खाता में राशि ट्रांसफर कर दिया. परियोजना पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आलोक में विभाग ने अपने पत्रांक 813 दिनांक 28 मई 2020 को प्रेस मालिक से विपत्र की कुल राशी 10 लाख 20 हजार की वसूली का आदेश दिया.
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मो. कबीर ने प्रिंटिंग प्रेस मालिक के विरुद्ध अनियमितता, सरकारी कार्य को अवरुद्ध करने, धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी राशी गबन करने को लेकर गोल्डेन प्रिंटिंग प्रेस के प्रोपराइटर के खिलाफ सुसंगत धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध थानाध्यक्ष से किया. वहीं थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की गयी है.
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मो० कबीर ने सदर थाना में आवेदन देकर कहा कि डीएम के आदेश पर चयनित आंगनबाड़ी केंद्र पर वाल पेंटिंग और फ्लेक्स लगाने का आदेश सह शर्त दिया गया था लेकिन गोल्डेन प्रिटिंग प्रेस ने फ्लेक्स का सप्लाई और आंगनबाड़ी केन्द्र में किये गये वाल पेंटिग में मापदंड पूरा नहीं किया. इसका खुलासा डीएम के जांच के दौरान हुआ. डीएम ने आदेश के अनुरूप कार्य पूरा नहीं होने पर प्रेस के प्रोपराइटर को सूचना दी तो, प्रोपराइटर ने अपनी गलती यह कहकर स्वीकार किया कि स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है. जल्द ही कार्य गुणवत्तापूर्ण कर दिया जायेगा.
इसी बीच वित्तीय वर्ष 19-2020 आने पर प्रिटिंग प्रेस के प्रोपराइटर ने अनुरोध किया कि चूँकि वित्तीय वर्ष में अगर राशि की निकासी नहीं होगी तो आवंटन लौट जाएगा. इस बात के मद्देनजर कार्य का भुगतान किया जाना चाहिए. इस अनुरोध पर विभाग ने उनके किये गये कार्य को अपने पत्रांक 178 / 06 मार्च 20 द्वारा कोषागार में प्रस्तुत विपत्र राशी 10 लाख 20 हजार रूपये में 2 प्रतिशत राशि काटकर प्रेस मालिक के एकाउंट मे ट्रांसफर कर दिया, लेकिन उसके बाद प्रेस मालिक ने मोबाइल उठाना बंद कर दिया लेकिन विभाग ने लगातार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला तो उन्हे चेतावनी भी दी गयी कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी लेकिन प्रोपराइटर आदेश की अनदेखी करते रहे.
आखिरकार विभाग ने सम्बन्धित परियोजना पदाधिकारी को गोल्डेन प्रिंटिंग प्रेस से किये गये कार्य की जांच करायी तो पता चला कि वाल पेन्टिंग प्रति ईकाई 20 हजार की जगह पर मात्र 2-3 हजार रूपये का किया गया है जबकि वाल पेंटिंग और फ्लेक्स की आपूर्ति आदेश के अनुरूप नहीं पाया गया.
बताया गया कि विभाग ने फ्लेक्स मद में 8 लाख 25 हजार और वाल पेन्टिंग मद में 5 लाख 20 हजार में प्रिटिंग प्रेस मालिक के खाते मे 2 प्रतिशत आयकर काट कर उनके खाता में राशि ट्रांसफर कर दिया. परियोजना पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आलोक में विभाग ने अपने पत्रांक 813 दिनांक 28 मई 2020 को प्रेस मालिक से विपत्र की कुल राशी 10 लाख 20 हजार की वसूली का आदेश दिया.
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मो. कबीर ने प्रिंटिंग प्रेस मालिक के विरुद्ध अनियमितता, सरकारी कार्य को अवरुद्ध करने, धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी राशी गबन करने को लेकर गोल्डेन प्रिंटिंग प्रेस के प्रोपराइटर के खिलाफ सुसंगत धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध थानाध्यक्ष से किया. वहीं थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की गयी है.
धोखाधड़ी, सरकारी राशि गबन करने आदि पर सहरसा के एक प्रिटिंग प्रेस के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 05, 2020
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