
बुधवार अहले सुबह मुरलीगंज प्रखंड में आंधी से मक्के की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. मुख्य रूप से प्रखंड में 7500 हेक्टेयर एकड़ में लगे मक्के की फसल उगाई गई थी, जिसमें कृषि विभाग मुरलीगंज प्रखंड के सभी 17 पंचायतों में आंधी से हुई क्षति का सर्वेक्षण करने पहुंची कृषि समन्वयक विकास कुमार की टीम ने आकलन के बाद बताया कि कुल 958 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है. तेज आंधी की वजह से मक्का का खेत में लगा पौधा टूटकर जमीन पर गिर गया है. इस प्राकृतिक नुकसान ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
किसानों में जोरगामा पंचायत के किसान मनोज मंडल, आशू कुमार, सावित्री देवी, राजेश कुमार, बुधिया देवी, विवेक कुमार, राधा देवी, किरण देवी आदि ने बताया कि एक तो कोरोना का कहर और ऊपर से फसलों की मार वे अब तो पूरी तरह से टूट गए हैं. कुछ किसानों ने बताया कि बीते वर्ष मक्के का अच्छा दाम मिलने के कारण इस बार उनलोगों ने सूद पर पैसा लेकर मक्के की खेती की थी. तीन महीने तक मक्के की फसल को सींचकर बड़ा किया था. अब मक्के में दाना लगने की बारी थी लेकिन बुधवार अहले सुबह 4:30 बजे आयी आंधी ने सबकुछ बर्बाद कर दिया.
ऐसे कई किसान हैं जिन्हें व्यापक रूप से नुकसान हुआ है. किसानों ने बताया कि सारे रुपए फसल में लगा दिए थे. कोरोना संकट ने तो कमर ही तोड़ दी. कर्ज लेकर व अन्य लोगों से मिले राशन के सहारे चल रहे थे, अब उनके पास कुछ नहीं बचा है. किसानों ने प्रशासन से हस्तक्षेप कर इस ओर ध्यान देने की बात कही है.
वहीं हरिपुर कला पंचायत में कई किसानों के गेहूं काटकर खलिहान में रखे थे जिसे काफी क्षति पहुंची है. हरिपुरकला में भी दर्जनों किसानों की मक्के की फसल बर्बाद हो गई, जिसमें नागेश्वर यादव, गजेंद्र यादव, दयानंद यादव, विष्णुदेव यादव, बबलू यादव, विद्यानंद यादव, लल्लन यादव, योगेंद्र यादव, अनिल यादव, यदुनंदन यादव, दिनेश यादव, लखन यादव, शिव नारायण यादव, सुरेश यादव, मनोज यादव आदि दर्जनों किसानों के मक्के की फसल को आंधी से भारी क्षति उठानी पड़ी.

एक तो कोरोना संकट ऊपर से प्रकृति की मार: आई आंधी से भारी मात्रा में मक्के की फसल तहस-नहस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 15, 2020
Rating:

Gotam kumar
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