विद्यालय में आयोजित वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ अत्यंत हर्षोल्लास और उमंग के साथ हुआ। कार्यक्रम में विविध रंगारंग प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें बम भोले, काला चश्मा, कजरी, जीजिया, पिंगा जैसे मनमोहक नृत्य सम्मिलित थे। इन प्रस्तुतियों में बाबुल, पिहु, ऋत्तिक, अंस, मेहर, अंसु, डेजी, ताज, जिज्ञासु, डुगु, साक्षी, मीरा, अर्चना, सानवी, आराध्या, प्रज्ञा और कल्याणी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में दो प्रेरणादायक नाटकों का मंचन भी हुआ:
पहला नाटक "स्टार्ट डाउरी" (Start Dowry), जो दहेज प्रथा की सामाजिक बुराई पर केंद्रित था। इस प्रस्तुति की शुरुआत मंजेय जी द्वारा एक मार्मिक लोकगीत से हुई, जिसने उपस्थित दर्शकों को भावुक कर दिया।
दूसरा नाटक "नशा मुक्ति", जिसने नशे की लत के खिलाफ जागरूकता फैलाने का कार्य किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रिंसिपल ई. राहुल सर ने कहा कि जब हमने इस विद्यालय की नींव रखी थी, तब हमारे मन में एक ही सपना था—एक ऐसा शिक्षण संस्थान बनाना, जहाँ शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित न रहे, बल्कि संस्कार, चरित्र निर्माण और समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना भी विकसित हो। आज के इस कार्यक्रम को देखकर हम गर्व से कह सकते हैं कि हम उस दिशा में सही कदम बढ़ा चुके हैं।
कार्यक्रम का समापन राकेश सर के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। मंच संचालन अमित सर ने किया और डांस शिक्षिका मानवी मैम को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए विशेष रूप से सराहा गया.
(नि. सं.)
.jpeg)
No comments: