भीड़ के डर से पैसे निकालने 6 बजे सुबह ही गांव से शहर अवस्थित बैंक के लिए निकल पड़े दादी और पोता

लॉकडाउन में खाता से पैसे निकासी के लिए बैंको में लग रही लम्बी लाइन से निजात पाने के लिए एक दादी-पोता ने शहर से चार किलोमीटर दूर गांव से सुबह 6 बजे पांव पैदल चल दिया और 7:33 बजे सुबह मधेपुरा के कार्पोरेशन बैंक पहुंचकर बैंक  खुलने के इंतजार में बैठ गए.

मानिकपुर पंचायत के सुन्दरपट्टी के छठी क्लास में पढ़ने वाला छात्र अपने दादा, दादी और चाची के साथ रहता है. दादी ने बताया कि गांव में पता चला कि शहर में न कोई दूकान खुल रही है और न ही कोई गाड़ी चल रही है लेकिन यहां तो सब कुछ  खुला है और सड़क पर गाड़ी भी चल रही है. गांव में सब कुछ बंद है. पता चला कि   बैंक से पैसा निकालने के लिए काफी भीड़ और लम्बा लाइन रहता है. इसी कारण गांव से सुबह 6 बजे पैदल चल दिये कि सवेरे बैंक पहुंच कर पहला लाइन में लग जाएंगे और जल्दी काम हो जायेगा. यहां आकर पता चला कि बैंक दस बजे खुलेगा. 

वहीं छात्र ने बताया कि छात्रवृति का पैसा आया था, जबकि महिला ने बताया कि जनधन का पैसा निकालने आयी है. तीन घंटे बाद खुली बैंक तो पैसे की निकासी कर सभी अपने घर को लौट गए.

भीड़ के डर से पैसे निकालने 6 बजे सुबह ही गांव से शहर अवस्थित बैंक के लिए निकल पड़े दादी और पोता भीड़ के डर से पैसे निकालने 6 बजे सुबह ही गांव से शहर अवस्थित बैंक के लिए निकल पड़े दादी और पोता Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 28, 2020 Rating: 5

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