समाज का एक तबका न इधर का है न उधर का. यह तबका है दिहाड़ी मजदूरों का जो रोजी-रोटी के चक्कर में अन्य प्रदेशों में मजदूरी कर जिन्दगी गुजर बसर कर रहे थे.
आज लॉकडाउन के बीच अन्य राज्यों में फंसे मजदूर विवश और परेशान हैं. वह किसी भी तरह अपने वतन को लौटना चाहते है.
पिछले दो दिनों से कई फोन कॉल कर मदद की गुहार लगा रहे हैं, नई दिल्ली अशोक नगर हनुमान मंदिर गली नं०- 13 एवं नोएडा के सेक्टर 80 नगलाचरण दास रोड नोएडा मस्जिद वाली गली में फंसे मधेपुरा के पुरैनी प्रखंड के करीब 80 मजदूर सहित चण्डीगढ में ऑटो चलाकर और दिहाड़ी करने वाले मजदूर ओमप्रकाश शर्मा जो की पुरैनी प्रखंड के दुर्गापुर धानाबासा के हैं, ये सभी कॉल कर मदद की गुहार लगा रहे हैं. इनके पास खाने को कुछ नहीं है. ये बताते है की सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नं० भी नहीं लग रहा. ये किसी तरह घर आना चाहते हैं. जिलाधिकारी को भी इनकी सूचना दी गयी है और ये विडियो बनाकर भी अपनी विवशता बता चुके हैं लेकिन अबतक इनका कोई देखनहार नहीं हो पाया है.
इन मजदूरों का कहना है की वह सभी जांच करवाकर ही अपने गांव और मोहल्ला में जाएंगे. उन्हें भी अपने परिवार और समाज की फिक्र है, उनका यह कहना है कि हम कोई वजह नहीं बनना चाहते हैं जिससे समाज को क्षति हो लेकिन यहां परदेश में हमलोग रह गये तो शायद भूखे मर जाएंगे.
बहरहाल दिल्ली और अन्य राज्यों से मजदूर पलायन कर रहे हैं, रो रहे, पीट रहे पर अपने घर की ओर जा रहे हैं या जाना चाहते हैं. सबको अपना परिवार प्यारा होता है, कोई नहीं चाहता कि मैं बीमार रहूं. एहतियात बरतने को सब तैयार हैं. सभी काफी लोग दहशत में भी हैं.
आज लॉकडाउन के बीच अन्य राज्यों में फंसे मजदूर विवश और परेशान हैं. वह किसी भी तरह अपने वतन को लौटना चाहते है.
पिछले दो दिनों से कई फोन कॉल कर मदद की गुहार लगा रहे हैं, नई दिल्ली अशोक नगर हनुमान मंदिर गली नं०- 13 एवं नोएडा के सेक्टर 80 नगलाचरण दास रोड नोएडा मस्जिद वाली गली में फंसे मधेपुरा के पुरैनी प्रखंड के करीब 80 मजदूर सहित चण्डीगढ में ऑटो चलाकर और दिहाड़ी करने वाले मजदूर ओमप्रकाश शर्मा जो की पुरैनी प्रखंड के दुर्गापुर धानाबासा के हैं, ये सभी कॉल कर मदद की गुहार लगा रहे हैं. इनके पास खाने को कुछ नहीं है. ये बताते है की सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नं० भी नहीं लग रहा. ये किसी तरह घर आना चाहते हैं. जिलाधिकारी को भी इनकी सूचना दी गयी है और ये विडियो बनाकर भी अपनी विवशता बता चुके हैं लेकिन अबतक इनका कोई देखनहार नहीं हो पाया है.
इन मजदूरों का कहना है की वह सभी जांच करवाकर ही अपने गांव और मोहल्ला में जाएंगे. उन्हें भी अपने परिवार और समाज की फिक्र है, उनका यह कहना है कि हम कोई वजह नहीं बनना चाहते हैं जिससे समाज को क्षति हो लेकिन यहां परदेश में हमलोग रह गये तो शायद भूखे मर जाएंगे.
बहरहाल दिल्ली और अन्य राज्यों से मजदूर पलायन कर रहे हैं, रो रहे, पीट रहे पर अपने घर की ओर जा रहे हैं या जाना चाहते हैं. सबको अपना परिवार प्यारा होता है, कोई नहीं चाहता कि मैं बीमार रहूं. एहतियात बरतने को सब तैयार हैं. सभी काफी लोग दहशत में भी हैं.
लॉक डाउन पर भारी पड़ रही पेट की भूख: चण्डीगढ, नोएडा और दिल्ली से घर आने का गुहार लगा रहे मजदूर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 30, 2020
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