कोरोना की मार सह रहे किसानों को अब खाद व्यापारी दे रहे दर्द, कीमत से काफी अधिक पर बेच रहे खाद

मधेपुरा के शंकरपुर में कोरोना वायरस के वैश्विक महामारी के बढते खौफ से आम जन जीवन तबाह है.
प्रधानमंत्री के द्वारा अघोषित लक्ष्मण रेखा से सब कुछ बंद हैं. देशवासी इसका अक्षरशः पालन कर रहे हैं.


लेकिन आम जीवन के लिए दवा दुकान, किराना, फल, डेयरी, किसान केंद्र को खोलकर रखने का छूट है. इस लॉकडाउन में शंकरपुर बाजार स्थित खाद दुकान में किसानों से मनमानी कीमत वसूल किया जा रहा है. 

इस बावत किसान राजा कुमार, शिवनेश्वरी यादव, फुलचंद मंडल, राजेन्द्र यादव, कृष्णदेव सिंह, कुलदीप यादव, बबलू मुखिया, जगदीश यादव, सुरेन्द्र यादव सहित कई किसानों ने बताया कि शंकरपुर बाजार स्थित कुन्ती किसान सेवा केंद्र में 267 रूपया अंकित यूरिया को 350 रुपये प्रति बोरा बेचता है, 180 रुपए अंकित दवा का कीमत को 220 रुपये लिया जा रहा है. 

बता दें कि प्रत्येक वस्तु पर निर्धारित वस्तु से 50 से 80 रुपया अधिक कीमत सभी आवश्यक समान पर ले रहे हैं. इस बावत पिछले दिन लॉक डाउन को लेकर बीडीओ, सीओ, थानाध्यक्ष, प्रमुख पति एवं स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि, व्यवसायिक एवं शंकरपुर बाजार वासियों के साथ हुई बैठक के दौरान निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य लेने का चर्चा हुआ लेकिन बात को मजाकिया लिहाज में टाल दिया गया था लेकिन इसका खामियाजा आज आम किसान को भुगतना पर रहा है. 

मालूम हो कि शंकरपुर बाजार स्थित अन्य दुकानदार सरकार द्वारा निर्धारित कीमत ही ले रहा है. किसानों ने बताया कि विरोध करने पर स्पष्ट कहता है कि लेना है तो लो नहीं तो जहाँ जाना हैं जाओ. किसानों ने जिला प्रशासन से अपने स्तर से जांच कर ऐसे व्यवसायी का लाइसेंस रद्द करने का मांग किया है. इस दुकानदार का हर सीजन कुछ न कुछ शिकायत रहता है. शिकायत होने पर अधिकारी जांच के नाम पर मोटी रकम लेकर छोड़ देते हैं, जिससे इसको किसी तरह का कोई असर नहीं होता है. पुनः रुपया एवं पहुंच के बदौलत सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी का सारा सुविधा इसी दुकानदार को दे दिया जाता है. 

मालूम हो कि इससे पूर्व तत्कालीन एसडीओ गोपाल मीणा के जांच में, तत्कालीन जिला कृषि पदाधिकारी चन्द्रदेव प्रसाद के द्वारा, स्थानीय थाना पुलिस द्वारा यूरिया कालाबाजारी, हाल के दिनों में यूरिया का अधिक मूल्य लेने के शिकायत पर जिलाधिकारी के आदेश पर कृषि पदाधिकारी जांच कर मोटी रकम लेकर कागजी खानापूर्ति कर लेते हैं. सबसे बड़ी बात है कि सामान लेने के बाद किसी भी खाद दुकानदार के द्वारा रसीद नहीं दिया जाता है. जिसके कारण किसान के पास कोई ठोस सुबूत नहीं रहता है. जब शिकायत होता है तो कुछ दबंग एवं पिछलग्गू को बुला कर चुपके से अपने पक्ष में अधिकारी के सामने गुजार देते हैं. 

इधर दुकानदार की सुने तो उसका कहना है कि नीचे से ऊपर के सभी पदाधिकारी को कमीशन देना पड़ता है. 
दुकानदार को किसान से यूरिया की कीमत 350 रूपया नहीं लेना चाहिए ज्यादा से ज्यादा 285 रूपया तक में बेच सकता है. जब भी हमें शिकायत मिलती है तो दुकानदार से बात करते हैं तो बोलता है नहीं सर हम ऐसा नहीं कर रहे हैं. सरकार भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रहे हैं जिससे लॉकडाउन में दुकानदार पर कोई कार्रवाई हो सके. पूंजीपति दुकानदार गरीब को मार रहा है, जांच करते हैं उसके बाद कार्रवाई किया जाएगा.

कोरोना की मार सह रहे किसानों को अब खाद व्यापारी दे रहे दर्द, कीमत से काफी अधिक पर बेच रहे खाद कोरोना की मार सह रहे किसानों को अब खाद व्यापारी दे रहे दर्द, कीमत से काफी अधिक पर बेच रहे खाद Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 29, 2020 Rating: 5

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