डॉक्टर्स डे पर सोमवार को जहाँ देश भर में अच्छे चिकित्सकों को लोग शुभकामनाएँ देते रहे वहीँ वर्तमान में इस पेशे में सेवा कम और लूट-खसोट पर भी सवाल उठते रहे.
हालाँकि लाख अविश्वास का वातावरण बना हो, पर बीच-बीच में ऐसी कहानी सामने आ जाती है जो आज भी हमें मौत से जूझते समय चिकित्सकों पर ही भरोसा करने का आधार देते हैं.
डॉक्टर्स डे पर पटना एयरपोर्ट पर हुई एक घटना ने एक बार फिर से जता दिया कि अच्छे डॉक्टर्स आज भी देवदूत की तरह हमारी जिन्दगी बचने आ जाते हैं. दरअसल पटना एयरपोर्ट कर कल शाम उस समय अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया जब पटना के ही उत्कर्ष किशोर पत्नी और दो बेटों से साथ शाम की इंडिगो फ्लाईट ( 6E 739) से दिल्ली जाने वाले थे. सुरक्षा जांच की प्रक्रिया पूरी करवा कर जब वे बस से विमान की तरफ जा रहे थे तो उसी समय अचानक उनके पांच वर्षीय बेटे आर्यन की तबियत बिगड़ गई और फिर अचानक वहां अफरातफरी मच गई. बच्चे की धड़कन का पता नहीं चल रहा था और शरीर की हलचल भी रूक गई थी. विमान के कर्मचारियों ने फ़ौरन एयरपोर्ट पर तैनात डॉक्टर्स को इसकी सूचना दी तो करीब पांच मिनट में ही मौके पर डॉ. अंशु अंकित अपनी टीम के साथ वाहन पहुँच गए और वापस लाते-लाते ही आर्यन के हार्ट को पम्प करना शुरू किया तथा कृत्रिम ऑक्सीजन समेत जान बचाने के अन्य तरीकों का इस्तेमाल वे करने लगे. कुछ ही समय में आर्यन के शरीर में हलचल हुई. फिर फ़ौरन उसे एम्बुलेंस से पारस हॉस्पीटल भेजा गया और इस तरह मासूम की जान चिकित्सकों की तत्परता ने बचा ली.
मधेपुरा टाइम्स से बात करते हर डॉ. अंशु अंकित बताते हैं कि ये एक बेहद कठिन क्षण था और यदि तक्षण उस बच्चे के हार्ट को पम्प करने समेत अन्य तरीके न अपनाए जाते तो उसे वापस स्थिति में लाना असंभव जैसा था.
हालाँकि लाख अविश्वास का वातावरण बना हो, पर बीच-बीच में ऐसी कहानी सामने आ जाती है जो आज भी हमें मौत से जूझते समय चिकित्सकों पर ही भरोसा करने का आधार देते हैं.
डॉक्टर्स डे पर पटना एयरपोर्ट पर हुई एक घटना ने एक बार फिर से जता दिया कि अच्छे डॉक्टर्स आज भी देवदूत की तरह हमारी जिन्दगी बचने आ जाते हैं. दरअसल पटना एयरपोर्ट कर कल शाम उस समय अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया जब पटना के ही उत्कर्ष किशोर पत्नी और दो बेटों से साथ शाम की इंडिगो फ्लाईट ( 6E 739) से दिल्ली जाने वाले थे. सुरक्षा जांच की प्रक्रिया पूरी करवा कर जब वे बस से विमान की तरफ जा रहे थे तो उसी समय अचानक उनके पांच वर्षीय बेटे आर्यन की तबियत बिगड़ गई और फिर अचानक वहां अफरातफरी मच गई. बच्चे की धड़कन का पता नहीं चल रहा था और शरीर की हलचल भी रूक गई थी. विमान के कर्मचारियों ने फ़ौरन एयरपोर्ट पर तैनात डॉक्टर्स को इसकी सूचना दी तो करीब पांच मिनट में ही मौके पर डॉ. अंशु अंकित अपनी टीम के साथ वाहन पहुँच गए और वापस लाते-लाते ही आर्यन के हार्ट को पम्प करना शुरू किया तथा कृत्रिम ऑक्सीजन समेत जान बचाने के अन्य तरीकों का इस्तेमाल वे करने लगे. कुछ ही समय में आर्यन के शरीर में हलचल हुई. फिर फ़ौरन उसे एम्बुलेंस से पारस हॉस्पीटल भेजा गया और इस तरह मासूम की जान चिकित्सकों की तत्परता ने बचा ली.
मधेपुरा टाइम्स से बात करते हर डॉ. अंशु अंकित बताते हैं कि ये एक बेहद कठिन क्षण था और यदि तक्षण उस बच्चे के हार्ट को पम्प करने समेत अन्य तरीके न अपनाए जाते तो उसे वापस स्थिति में लाना असंभव जैसा था.
(वि. सं)
डॉक्टर्स डे पर देवदूत बन डॉक्टर्स ने मौत के मुँह से निकाल बचाई मासूम की जान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 02, 2019
Rating:
![डॉक्टर्स डे पर देवदूत बन डॉक्टर्स ने मौत के मुँह से निकाल बचाई मासूम की जान](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhrdfwmtUwSmQbV2PwY1dhL7Rx2JmRLrdKWuAbRp4TMmg-wx1VmAvVniWQymBUxZmZgnv3VA_aQaJkmtXuu3TTYVYcVzIo9MmvX8AjMjjFUSszA3ZDOTwEv_xWKuajRm6jdytbqeIh4vWM/s72-c/indigo_AFP.jpg)
No comments: