मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र के आरहा महुआ दिघरा पंचायत के दिघरा गांव वार्ड नंबर 16 में चांदनी कुमारी की चमकी बुखार की कारण मौत हो गई ।
जिले में चमकी बुखार के कारण मरने वालों की शुरुआत हो चुकी है. स्थिति से निपटने के लिए अभी हर संभव कोशिश और कड़ी मेहनत करने से निजात मिल सकता है. मृतक के परिजन ने बताया कि चांदनी जन्म से ही मुँह ओर कान से विकलांग थी. दो रोज पहले बुखार लगा था तो लोकल डॉ से ही बुखार की दवा लाकर खिलाया जिससे थोड़ा बुखार कम हुआ लेकिन शनिवार की रात एकाएक तेज बुखार आया और शरीर चमकने (तड़पने) लगा. काफी रात होने के कारण कहीं नही ले जा पाए और सुबह होते ही मौत हो गयी ।
वही पी एच सी प्रभारी डॉ ललन ने बताया कि बच्चा पीएससी में एडमिन नहीं हुआ था. इस तरह की बीमारी में पहले कन्वल्सन आता है फिर बेहोशी होती है. तत्पश्चात कोमा में जाने के 72 घंटे बाद उसकी मृत्यु होती है. लेकिन उसे में इस तरह का लक्षण नहीं देखा गया ।

जिले में चमकी बुखार के कारण मरने वालों की शुरुआत हो चुकी है. स्थिति से निपटने के लिए अभी हर संभव कोशिश और कड़ी मेहनत करने से निजात मिल सकता है. मृतक के परिजन ने बताया कि चांदनी जन्म से ही मुँह ओर कान से विकलांग थी. दो रोज पहले बुखार लगा था तो लोकल डॉ से ही बुखार की दवा लाकर खिलाया जिससे थोड़ा बुखार कम हुआ लेकिन शनिवार की रात एकाएक तेज बुखार आया और शरीर चमकने (तड़पने) लगा. काफी रात होने के कारण कहीं नही ले जा पाए और सुबह होते ही मौत हो गयी ।
वही पी एच सी प्रभारी डॉ ललन ने बताया कि बच्चा पीएससी में एडमिन नहीं हुआ था. इस तरह की बीमारी में पहले कन्वल्सन आता है फिर बेहोशी होती है. तत्पश्चात कोमा में जाने के 72 घंटे बाद उसकी मृत्यु होती है. लेकिन उसे में इस तरह का लक्षण नहीं देखा गया ।

घैलाढ़ में चमकी बुखार से डेढ़ वर्षीया बच्ची की मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 17, 2019
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