एक तरफ भीषण गर्मी और दूसरी तरफ इसके एक साइड इफेक्ट में सूबे में चमकी (एक्यूट इन्सेफ़्लाइटिस सिंड्रोम AES) बुखार से लगातार बच्चे मौत का शिकार हो रहे हैं। सूचना है कि बिहार में अब तक 111 बच्चों की एईएस से मौत हो चुकी है।
मधेपुरा जिला के कुमारखण्ड प्रखंड के ईसराइन खुर्द पंचायत स्थित वार्ड नं 06 में भी चमकी बुखार से तीन वर्षीय मासूम की मौत इलाज के दौरान हो गई ।
मिली जानकारी के अनुसार कुमारखंड प्रखंड के यदुआपट्टी गांव निवासी रामचंद्र यादव के तीन वर्षीय पुत्र अंकेश कुमार रविवार को अचानक तेज बुखार का शिकार हो गया और शरीर तड़पने लगा । परिजनों ने आनन फानन में जिला मुख्यालय मधेपुरा स्थित मिशन अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ इलाज के दौरान सोमवार को अंकेश की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग इसे महामारी का रूप मान रहा है। जहैर्र है ऐसे में इससे निबटने के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है।
जाने क्या है ये चमकी बुखार और क्या है इसके लक्षण:
चमकी बुखार के शिकार कुपोषित बच्चे जल्द होते हैं । चमकी बुखार का मुख्य कारण कुपोषण है । कुपोषण के शिकार बच्चे को यह बुखार काफी तेजी से अपनी गिरफ्त में लेता है। चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार हमेशा ही रहता है इस दौरान बच्चे के शरीर मे ऐठन होती हैं और बच्चे दाँत किटकिटाने लगते हैं । कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश हो जाता है और शरीर सुन्न हो जाता है। ऐसे में बच्चों को उचित आहार और उसे अभी गर्मी से भी बचाने की जरूरत है.
(रिपोर्ट: मीना कुमारी/ कुमारखंड)
मधेपुरा जिला के कुमारखण्ड प्रखंड के ईसराइन खुर्द पंचायत स्थित वार्ड नं 06 में भी चमकी बुखार से तीन वर्षीय मासूम की मौत इलाज के दौरान हो गई ।
मिली जानकारी के अनुसार कुमारखंड प्रखंड के यदुआपट्टी गांव निवासी रामचंद्र यादव के तीन वर्षीय पुत्र अंकेश कुमार रविवार को अचानक तेज बुखार का शिकार हो गया और शरीर तड़पने लगा । परिजनों ने आनन फानन में जिला मुख्यालय मधेपुरा स्थित मिशन अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ इलाज के दौरान सोमवार को अंकेश की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग इसे महामारी का रूप मान रहा है। जहैर्र है ऐसे में इससे निबटने के लिए प्रशासन को जल्द से जल्द पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है।
जाने क्या है ये चमकी बुखार और क्या है इसके लक्षण:
चमकी बुखार के शिकार कुपोषित बच्चे जल्द होते हैं । चमकी बुखार का मुख्य कारण कुपोषण है । कुपोषण के शिकार बच्चे को यह बुखार काफी तेजी से अपनी गिरफ्त में लेता है। चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार हमेशा ही रहता है इस दौरान बच्चे के शरीर मे ऐठन होती हैं और बच्चे दाँत किटकिटाने लगते हैं । कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश हो जाता है और शरीर सुन्न हो जाता है। ऐसे में बच्चों को उचित आहार और उसे अभी गर्मी से भी बचाने की जरूरत है.
(रिपोर्ट: मीना कुमारी/ कुमारखंड)
दहशत: रहस्यमय चमकी बुखार ने ली एक बच्चे की जान, परिजनों में मातम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 17, 2019
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