मधेपुरा जिले के प्रसिद्ध सिंहेश्वर मंदिर के सौजन्य से लगने वाले प्रसिद्ध महाशिवरात्रि के मौके पर लगने वाले मेले के लिए हुई बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधि और लोगों को शामिल नहीं करने से आक्रोश
का वातावरण पनप रहा है.
सिंहेश्वर प्रमुख चंद्र कला देवी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जिला प्रशासन और सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के द्वारा सिंहेश्वर में होने वाले प्रसिद्ध मेला और सिंहेश्वर महोत्सव की बैठक स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दरकिनार करते हुए किया, जिससे स्थानीय लोग ठगा महसूस कर रहे हैं ।
कहा कि इतने बड़े आयोजन में स्थानीय लोगों की अवेहलना जनप्रतिनिधियों के सम्मान पर चोट है । सिंहेश्वर मेला और सिंहेश्वर महोत्सव जैसे बड़े कार्यक्रम में सिंहेश्वर प्रमुख तक को इसकी जानकारी नहीं देना न्यास और जिला प्रशासन की मंशा को दर्शाता है ।
उन्होंने कहा बिहार पंचायत राज अधिनियम में भी अपनी अधिकारिता के भीतर तीर्थस्थलों, हाटों मेलों में साफ सफाई की व्यवस्था को सुनिश्चित करने या सरकार से अधिसूचना निकलवा कर करने का अधिकार है । परंतु हम लोगों को सूचना ही नहीं दी जाती है । न्यास का कार्य श्रद्धालुओं के चढ़ावे से होता है । ऐसे में सार्वजनिक पैसे से चलने वाली व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाय । न्यास की बैठक गोपनीय न होकर सार्वजनिक होना चाहिए । सिंहेश्वर मेला बिहार का प्रसिद्ध मेला है । अगर इस तरह के आयोजन में स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की समुचित भागीदारी नहीं दी जाती है तो सभी जनप्रतिनिधि चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे ।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiByAHc_EkP9BwG1Xo-nXN4sHQCjl10fMdJMirdAyEvajWPEaMqpopFqIt1iOXTjkX2CovnBBGYcIBEB1CiVwsHsFPGpVEuDGNPglbRtAg1wm53CUwgRBAlTHSOn85TMXsIee5g67K9Zqs/s1600/Dr+IC+Bahgat+SUB-EDITOR.jpg)
का वातावरण पनप रहा है.
सिंहेश्वर प्रमुख चंद्र कला देवी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जिला प्रशासन और सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के द्वारा सिंहेश्वर में होने वाले प्रसिद्ध मेला और सिंहेश्वर महोत्सव की बैठक स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दरकिनार करते हुए किया, जिससे स्थानीय लोग ठगा महसूस कर रहे हैं ।
कहा कि इतने बड़े आयोजन में स्थानीय लोगों की अवेहलना जनप्रतिनिधियों के सम्मान पर चोट है । सिंहेश्वर मेला और सिंहेश्वर महोत्सव जैसे बड़े कार्यक्रम में सिंहेश्वर प्रमुख तक को इसकी जानकारी नहीं देना न्यास और जिला प्रशासन की मंशा को दर्शाता है ।
उन्होंने कहा बिहार पंचायत राज अधिनियम में भी अपनी अधिकारिता के भीतर तीर्थस्थलों, हाटों मेलों में साफ सफाई की व्यवस्था को सुनिश्चित करने या सरकार से अधिसूचना निकलवा कर करने का अधिकार है । परंतु हम लोगों को सूचना ही नहीं दी जाती है । न्यास का कार्य श्रद्धालुओं के चढ़ावे से होता है । ऐसे में सार्वजनिक पैसे से चलने वाली व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाय । न्यास की बैठक गोपनीय न होकर सार्वजनिक होना चाहिए । सिंहेश्वर मेला बिहार का प्रसिद्ध मेला है । अगर इस तरह के आयोजन में स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की समुचित भागीदारी नहीं दी जाती है तो सभी जनप्रतिनिधि चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे ।
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महाशिवरात्रि मेला और सिंहेश्वर महोत्सव की बैठक पर लगा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 09, 2019
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