मधेपुरा में मौसम ने क्या बेरूखी दिखाई, बेईमान नगर परिषद् की पोल पट्टी न सिर्फ फिर खुल कर रह गई बल्कि कई और दृश्य ऐसे सामने आये जो किसी भी संवेदनशील इंसान को विचलित कर सकते हैं.
शहर में एक सड़क पर एक निजी विद्यालय का वाहन क्या फँसा, स्कूली छोटे बच्चों को कीचड़ में घुसा कर वाहन धकेलने के लिए मजबूर कर दिया गया. इस रिपोर्ट के साथ लगी तस्वीरें तो बानगी भर हैं,
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वे इस दृश्य को देखकर सन्न रह गए कि ऐसा कैसे हो सकता है. कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को किसी भी निजी विद्यालय में बड़ी उम्मीद के साथ भेजता है और बच्चों की सुविधा के लिए अपनी कमाई का एक हिस्सा स्कूल प्रशासन को देता है. पर उसके बाद भी यदि ऐसे दृश्य स्कूल की वजह से उत्पन्न हो जाए तो उन्हें हालात पर रोना आ सकता है.
आपको बताते चलें कि देश भर में सरकारी स्कूलों की बदहाली और लूट-खसोट से तंग आकर अभिभावकों ने अपने बच्चों का भविष्य इन निजी विद्यालयों को दे रखा है, पर यहाँ भी अधिकांश जगह शोषण ही नजर आता है. कड़े स्कूल फी से लेकर कदम-कदम पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष शोषण का शिकार होने के बावजूद अधिकाँश अभिभावक उफ़ तक नहीं कर पाते, क्योंकि इनके पास और कोई चारा भी नहीं होता. मधेपुरा में भी अधिकांश निजी विद्यालय सिर्फ कमाई का एक चोखा धंधा बना हुआ है.
उधर जिस लक्ष्मीपुर मोहल्ले की ये तस्वीर हैं वहाँ के लोग अपने जन प्रतिनिधि को भला-बुरा तो कहते हैं पर लिखित में इसकी शिकायत करने से डरते हैं. नगर परिषद् क्षेत्र के अधिकांश लोग कहते हैं कि यहाँ के अधिकांश जनप्रतिनिधि दबंग किस्म के हैं. ऐसे में किसी और बड़े हादसे का शिकार होने से बेहतर है ऐसी सडकों पर फिसल-फिसल कर ही गिरा जाय.
ऐसे में पूरा शहर ही भगवान् भरोसे लगता है और सुधार की कहीं कोई स्पष्ट उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है.
(वि. सं.)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbq3ijIkmvnniE4MK2CZpOiuMv2KDeDc_JQBVZHtrsin6lZUDjIGNXj3qEEN_Jmz2J49G66HoPAGbeJqxnW9s8GJg53RzGqH08eQ7rrfgmmopLsPKY6oWHFQNyzhbK5_wqt6uY7Fcglyo/s320/MadhepuraTimes.jpg)
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वे इस दृश्य को देखकर सन्न रह गए कि ऐसा कैसे हो सकता है. कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को किसी भी निजी विद्यालय में बड़ी उम्मीद के साथ भेजता है और बच्चों की सुविधा के लिए अपनी कमाई का एक हिस्सा स्कूल प्रशासन को देता है. पर उसके बाद भी यदि ऐसे दृश्य स्कूल की वजह से उत्पन्न हो जाए तो उन्हें हालात पर रोना आ सकता है.
आपको बताते चलें कि देश भर में सरकारी स्कूलों की बदहाली और लूट-खसोट से तंग आकर अभिभावकों ने अपने बच्चों का भविष्य इन निजी विद्यालयों को दे रखा है, पर यहाँ भी अधिकांश जगह शोषण ही नजर आता है. कड़े स्कूल फी से लेकर कदम-कदम पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष शोषण का शिकार होने के बावजूद अधिकाँश अभिभावक उफ़ तक नहीं कर पाते, क्योंकि इनके पास और कोई चारा भी नहीं होता. मधेपुरा में भी अधिकांश निजी विद्यालय सिर्फ कमाई का एक चोखा धंधा बना हुआ है.
उधर जिस लक्ष्मीपुर मोहल्ले की ये तस्वीर हैं वहाँ के लोग अपने जन प्रतिनिधि को भला-बुरा तो कहते हैं पर लिखित में इसकी शिकायत करने से डरते हैं. नगर परिषद् क्षेत्र के अधिकांश लोग कहते हैं कि यहाँ के अधिकांश जनप्रतिनिधि दबंग किस्म के हैं. ऐसे में किसी और बड़े हादसे का शिकार होने से बेहतर है ऐसी सडकों पर फिसल-फिसल कर ही गिरा जाय.
ऐसे में पूरा शहर ही भगवान् भरोसे लगता है और सुधार की कहीं कोई स्पष्ट उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है.
(वि. सं.)
मधेपुरा में निजी स्कूल के बच्चों की भयावह तस्वीर, कीचड़ में सने बच्चे ठेल रहे हैं स्कूली वाहन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 09, 2019
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![मधेपुरा में निजी स्कूल के बच्चों की भयावह तस्वीर, कीचड़ में सने बच्चे ठेल रहे हैं स्कूली वाहन](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgJ005USnZhg-gqRVAJsjSbVL9VQkEH6RMrALXqLQC-kASSFEpNbm4CEQ-otZLNy7j92oAe8NknQGlIfhqrZvjOdn637fokmCy82qqkw1TTBQKJ8TEGweOGPHS9k3gxe8_NfsL8x8jUoYo/s72-c/MadhepuraTimesNews.jpg)
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