मधेपुरा जिले के घैलाढ़ थाना क्षेत्र के चिति पंचायत के भगवानी गांव के वार्ड नंबर 2 में 25 वर्षीय बेबी देवी की मौत बुधवार की रात हो गई. 
सूचना कुछ ग्रामीणों के द्वारा घैलाढ़ थानाध्यक्ष राजेश चौधरी को दी गई. सूचना पाते ही घैलाढ़ पुलिस अपने दल बल के साथ पहुंचकर घटना का छानबीन करना शुरू कर दिया. पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि महिला की बीमारी के चलते मौत हो गई ।
जबकि बेबी देवी के मायके बरदाहा से आए परिजन जय नारायण राम घनश्याम राम राम कुमार राम आदि ने थानाध्यक्ष को लिखित आवेदन दिया कि लगभग 8 वर्ष पूर्व लालूराम के साथ हिंदू रीति रिवाज से शादी किया गया था । इस बीच बेबी देवी को एक पुत्र और एक पुत्री हुआ. मेरी पुत्री को 2 वर्ष पूर्व से माथे में दर्द की शिकायत थी जिसका इलाज कितने जगहों से किया गया. उसे अधकपारी (माइग्रेन) की शिकायत थी और दर्द होने पर वह बेचैन हो जाती थी. मेरा दामाद परिवार का भरण पोषण करने हेतु पंजाब में जाकर मजदूरी करता है. हमें दामाद की परिवार से कोई शिकायत नहीं है. मेरी पुत्री की मृत्यु प्राकृतिक मृत्यु है, इसमें किसी भी व्यक्ति का कोई दोष नहीं है, मैं अपनी मृत पुत्री का अंत्यपरीक्षण नहीं कराना चाहता हूँ.
वहीं थाना अध्यक्ष राजेश चौधरी ने बताया कि परिजनों का कहना है कि बेबी देवी को 2 वर्ष पूर्व से माइग्रेन बीमारी की शिकायत थी. उसकी बीमारी से ही प्राकृतिक मौत हुई है, उनके परिजन अंत्य परीक्षण कराने को तैयार नहीं है.
हालांकि इस घटना का एक पक्ष यह भी है कि बिना अन्त्यपरीक्षण कराये यह तय नहीं किया जा सकता है कि महिला की मौत की क्या वजह हो सकती है. जहाँ तक मेडिकल सायंस की बात है कि माइग्रेन के मामले में सीधे मौत के उदाहरण नहीं के बराबर हैं, माइग्रेन के कारण दिल की बीमारी या अन्य कोई वजह होने से मौत भले ही संभव है.

सूचना कुछ ग्रामीणों के द्वारा घैलाढ़ थानाध्यक्ष राजेश चौधरी को दी गई. सूचना पाते ही घैलाढ़ पुलिस अपने दल बल के साथ पहुंचकर घटना का छानबीन करना शुरू कर दिया. पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि महिला की बीमारी के चलते मौत हो गई ।
जबकि बेबी देवी के मायके बरदाहा से आए परिजन जय नारायण राम घनश्याम राम राम कुमार राम आदि ने थानाध्यक्ष को लिखित आवेदन दिया कि लगभग 8 वर्ष पूर्व लालूराम के साथ हिंदू रीति रिवाज से शादी किया गया था । इस बीच बेबी देवी को एक पुत्र और एक पुत्री हुआ. मेरी पुत्री को 2 वर्ष पूर्व से माथे में दर्द की शिकायत थी जिसका इलाज कितने जगहों से किया गया. उसे अधकपारी (माइग्रेन) की शिकायत थी और दर्द होने पर वह बेचैन हो जाती थी. मेरा दामाद परिवार का भरण पोषण करने हेतु पंजाब में जाकर मजदूरी करता है. हमें दामाद की परिवार से कोई शिकायत नहीं है. मेरी पुत्री की मृत्यु प्राकृतिक मृत्यु है, इसमें किसी भी व्यक्ति का कोई दोष नहीं है, मैं अपनी मृत पुत्री का अंत्यपरीक्षण नहीं कराना चाहता हूँ.
वहीं थाना अध्यक्ष राजेश चौधरी ने बताया कि परिजनों का कहना है कि बेबी देवी को 2 वर्ष पूर्व से माइग्रेन बीमारी की शिकायत थी. उसकी बीमारी से ही प्राकृतिक मौत हुई है, उनके परिजन अंत्य परीक्षण कराने को तैयार नहीं है.
हालांकि इस घटना का एक पक्ष यह भी है कि बिना अन्त्यपरीक्षण कराये यह तय नहीं किया जा सकता है कि महिला की मौत की क्या वजह हो सकती है. जहाँ तक मेडिकल सायंस की बात है कि माइग्रेन के मामले में सीधे मौत के उदाहरण नहीं के बराबर हैं, माइग्रेन के कारण दिल की बीमारी या अन्य कोई वजह होने से मौत भले ही संभव है.

माइग्रेन बीमारी के चलते हुई महिला की मौत !
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