कहते हैं ईमानदारी और इंसानियत आज भी बची हुई है, तब ही तो ये दुनियाँ भी बची है ।
इसका जीता-जागता एक उदाहरण उस समय देखने को मिला, जब मधेपुरा जिले के एसबीआई सिंहेश्वर के एटीएम कक्ष में सिंहेश्वर प्रखंड के लालपुर सरोपटटी निवासी सुगंम्बर सिंह का फौजी पुत्र श्रवण कुमार सिंह घुसा।
अन्दर गया तो उसने देखा पहले से ही दो 500 के नोट एटीएम से झांक रहे हैं। फौजी ने एटीएम से झांक रहे 500 के नोट को लेकर मैनेजर के पास डिपाजिट कराया । उन्होंने कहा कि यह किसी न किसी व्यक्ति के पसीने की कमाई है, जो किसी कारण से एटीएम में ही फंसा रह गया था । इतना कहकर वह चला गया.
रूपये को SBI के ब्रांच मैनेजर ने जमा कर लिया. ब्रांच मैनेजर ने बताया कि ये किसके रूपये हैं ये सिस्टम बंद होने के बाद ही यह पता चलेगा. तब सम्बंधित व्यक्ति को सूचित किया जा सकेगा । देखा जाय तो यहाँ राशि भले बड़ी नहीं थी, पर नीयत बड़ी बात है. फौजी के इस ईमानदारी की प्रसंसा और चर्चा लोगों में की जा रही है ।
इसका जीता-जागता एक उदाहरण उस समय देखने को मिला, जब मधेपुरा जिले के एसबीआई सिंहेश्वर के एटीएम कक्ष में सिंहेश्वर प्रखंड के लालपुर सरोपटटी निवासी सुगंम्बर सिंह का फौजी पुत्र श्रवण कुमार सिंह घुसा।
अन्दर गया तो उसने देखा पहले से ही दो 500 के नोट एटीएम से झांक रहे हैं। फौजी ने एटीएम से झांक रहे 500 के नोट को लेकर मैनेजर के पास डिपाजिट कराया । उन्होंने कहा कि यह किसी न किसी व्यक्ति के पसीने की कमाई है, जो किसी कारण से एटीएम में ही फंसा रह गया था । इतना कहकर वह चला गया.
रूपये को SBI के ब्रांच मैनेजर ने जमा कर लिया. ब्रांच मैनेजर ने बताया कि ये किसके रूपये हैं ये सिस्टम बंद होने के बाद ही यह पता चलेगा. तब सम्बंधित व्यक्ति को सूचित किया जा सकेगा । देखा जाय तो यहाँ राशि भले बड़ी नहीं थी, पर नीयत बड़ी बात है. फौजी के इस ईमानदारी की प्रसंसा और चर्चा लोगों में की जा रही है ।
सिंहेश्वर में एक फौजी की ईमानदारी चर्चा में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 13, 2018
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