मधेपुरा सदर प्रखंड के धुरगांव बखरी गांव के 22 वर्षीय प्रमोद की लाश गांव पहुँचते ही उनके घर इस कदर कोहराम और चीत्कार मची कि पूरे गांव के महिला और पुरूष अपने-अपने आंसू को नहीं रोक पाए.
हर एक के जुबान पर एक ही बात तैर रही थी कि भगवान ने यह क्या किया. गया था मजदूरी करने और आई उसकी लाश.
ग्रामीणों की माने तो 04 अगस्त को परसा गांव के प्रमोद, मजदूर ठेकेदार पंकू के साथ मजदूरी करने लुधियाना गया. वहां लुधियाना के जिला सोनवाज में नेपाल फैक्ट्री (पशु चारा बनाने वाली फैक्ट्री) में काम शुरू किया. 08 अगस्त को फोन आया कि प्रमोद काफी बीमार है, लेकिन शाम में खबर मिली कि उसकी मौत हो गयी है. खबर सुनते ही घर में कोहराम मच गया.
ग्रामीणों ने बताया कि प्रमोद की तबीयत खराब होने पर क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज लुधियाना में भर्ती कराया गया, जहां प्रमोद की मौत हो गई. ताज्जुब की बात यह है कि घटना की जानकारी वहां न तो फैक्ट्री के मालिक न ही मजदूर के ठेकेदार और न ही पुलिस को जानकारी थी और सीधे लाश को एम्बुलेंस से मृतक के घर भेज दिया गया.
मृतक के परिजन को किसी ने कहा कि फैक्ट्री में बोड़ा में बंद कर देने से मौत हुई है तो किसी ने प्रमोद को उल्टी होने से मौत होने की बात बताई. इसी विरोधाभास बातों पर परिजन ने प्रमोद की मौत पर सवाल उठाते हुए पोस्टमार्टम की मांग करने पर सदर थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजन को सौंप दिया है. साथ ही परिजन का बयान भी दर्ज किया गया है. पुलिस ने शव के साथ आये मजदूर ठेकेदार से भी पूछताछ की है. फिलहाल प्रमोद की मौत रहस्यमय बनी हुई है. हो सकता है कि मामले का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हो.

हर एक के जुबान पर एक ही बात तैर रही थी कि भगवान ने यह क्या किया. गया था मजदूरी करने और आई उसकी लाश.
ग्रामीणों की माने तो 04 अगस्त को परसा गांव के प्रमोद, मजदूर ठेकेदार पंकू के साथ मजदूरी करने लुधियाना गया. वहां लुधियाना के जिला सोनवाज में नेपाल फैक्ट्री (पशु चारा बनाने वाली फैक्ट्री) में काम शुरू किया. 08 अगस्त को फोन आया कि प्रमोद काफी बीमार है, लेकिन शाम में खबर मिली कि उसकी मौत हो गयी है. खबर सुनते ही घर में कोहराम मच गया.
ग्रामीणों ने बताया कि प्रमोद की तबीयत खराब होने पर क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज लुधियाना में भर्ती कराया गया, जहां प्रमोद की मौत हो गई. ताज्जुब की बात यह है कि घटना की जानकारी वहां न तो फैक्ट्री के मालिक न ही मजदूर के ठेकेदार और न ही पुलिस को जानकारी थी और सीधे लाश को एम्बुलेंस से मृतक के घर भेज दिया गया.
मृतक के परिजन को किसी ने कहा कि फैक्ट्री में बोड़ा में बंद कर देने से मौत हुई है तो किसी ने प्रमोद को उल्टी होने से मौत होने की बात बताई. इसी विरोधाभास बातों पर परिजन ने प्रमोद की मौत पर सवाल उठाते हुए पोस्टमार्टम की मांग करने पर सदर थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजन को सौंप दिया है. साथ ही परिजन का बयान भी दर्ज किया गया है. पुलिस ने शव के साथ आये मजदूर ठेकेदार से भी पूछताछ की है. फिलहाल प्रमोद की मौत रहस्यमय बनी हुई है. हो सकता है कि मामले का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हो.

मौत बनी रहस्यमय: मजदूर प्रमोद की लाश आने से मचा कोहराम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 10, 2018
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