मुख्य सचिव बिहार पटना के पत्रांक 323 दिनांक 21. 6.2018 के आलोक में जिलाधिकारी को निदेश दिया गया है कि शुक्रवार को जन समस्यायों को दूर करने के लिए जनता से मिलने का आयोजन किया जाय ।
लिहाजा जिलाधिकारी द्वारा अब शुक्रवार को दिन के 11:00 बजे से 1:00 बजे तक लोगों से मिलने का कार्यक्रम रखा गया है । पहले यह जरा दरबार हर गुरुवार को आयोजित किया जाता था लेकिन लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत अलग से कार्यालय और पदाधिकारी नियुक्त होने के बाद जनता दरबार का आयोजन बंद हो गया था ।
इस कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा जनता की समस्याओं को सुनने के साथ-साथ त्वरित गति से समस्याओं का निराकरण करने पर भी जोर दिया जाएगा। इसी दिन समस्याओं के समीक्षा भी की जाएगी ।
निदेशित पत्र में यह भी कहा गया है कि जिला स्तर के सभी पदाधिकारी एवं अनुमंडल स्तर तथा प्रखंड स्तर के पदाधिकारी सोमवार, मंगलवार तथा शुक्रवार को छोड़ कर शेष तीन दिन क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। पत्र में यह भी कहा गया है कि जिलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा क्षेत्र भ्रमण में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों वाले क्षेत्र में अनिवार्य रूप से भ्रमण करेंगेताकि उनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण हो सके ।
लिहाजा जिलाधिकारी द्वारा अब शुक्रवार को दिन के 11:00 बजे से 1:00 बजे तक लोगों से मिलने का कार्यक्रम रखा गया है । पहले यह जरा दरबार हर गुरुवार को आयोजित किया जाता था लेकिन लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत अलग से कार्यालय और पदाधिकारी नियुक्त होने के बाद जनता दरबार का आयोजन बंद हो गया था ।
इस कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा जनता की समस्याओं को सुनने के साथ-साथ त्वरित गति से समस्याओं का निराकरण करने पर भी जोर दिया जाएगा। इसी दिन समस्याओं के समीक्षा भी की जाएगी ।
निदेशित पत्र में यह भी कहा गया है कि जिला स्तर के सभी पदाधिकारी एवं अनुमंडल स्तर तथा प्रखंड स्तर के पदाधिकारी सोमवार, मंगलवार तथा शुक्रवार को छोड़ कर शेष तीन दिन क्षेत्र का भ्रमण करेंगे। पत्र में यह भी कहा गया है कि जिलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा क्षेत्र भ्रमण में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों वाले क्षेत्र में अनिवार्य रूप से भ्रमण करेंगेताकि उनकी समस्याओं का शीघ्र निराकरण हो सके ।
जिलाधिकारी का जनता दरबार अब हर शुक्रवार को
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 04, 2018
Rating:
No comments: