प्रधानमंत्री कार्यालय से डीआईजी का फर्जी साइन कर लोन के लिए आवेदन करना मधेपुरा जिले के अमित को मंहगा पड़ा. पुलिस ने अमित को गिरफ्तार की तो मामला चौंकाने वाला निकला ।
डीआईजी के फर्जी हस्ताक्षर मामले का उजागर तब हुआ जब पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) से डीआईजी कोशी को जून 20 को मिला. पत्र मिलते ही पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई. डीआईजी ने तत्काल मामले की जांच के लिए मधेपुरा के एसपी को 23 जून को पत्र भेजा. क्योंकि आवेदक जिले के घैलाढ़ थाना क्षेत्र के पीपरही गांव के वार्ड नं. 6 का रहने वाला था । एसपी ने तत्काल मामले की जांच के लिए घैलाढ़ थानाध्यक्ष 4 जुलाई को जांच के लिए भेजा ।
थानाध्यक्ष घैलाढ़ ने बुधवार को आवेदक अमित कुमार अमन को नाटकीय ढंग से यह कहकर बुलाया कि लोन के जो प्रधानमंत्री को आवेदन दिया था वह जांच के आवेदन थाना आया है. यह सुनते आवेदक अमित थाना आया । पुलिस ने आवेदक को गिरफ्तार कर लिया । पुलिस ने आवेदक से पूछताछ की तो उसने बताया कि टीवी पर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन का विज्ञापन देखने पर मन में विचार आया कि आवेदन पर डीआईजी की अनुशंसा होने पर लोन जल्द मिल जायेगा. इसी कारण प्रधानमंत्री के नाम आवेदन में डीआईजी कोशी लिखकर आवेदन पर डीआईजी से अनुशंसा के लिए कार्यालय गए तो वहां तैनात पुलिस पदाधिकारी ने यह कहकर लौटा दिया किया आवेदन पर डीआईजी अनुशंसा की जरूरत नही सीधे आवेदन प्रधानमंत्री को भेज दे । अमित ने बताया कि मन में फिर विचार हुआ कि अगर डीआईजी का हस्ताक्षर और मोहर आवेदन पर होता जल्द लोन होगा. इसी कारण उसने डीआईजी का एक मोहर बनाया फिर डीआईजी का फर्जी साइन मोहर लगाकर आवेदन पीएमओ कार्यालय भेज दिया ।
अमित ने बताया कि आवेदन पर मोहर लगाने के बाद पकड़े जाने के डर से मोहर को नदी में फेंक दिया । थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तार अमित के खिलाफ विधि सम्मत मामला के तहत केस दर्ज करते उसे जेल भेजा जा रहा है ।
(रिपोर्ट: मधेपुरा से पियूष राज/ घैलाढ़ से लालेंद्र कुमार)
डीआईजी के फर्जी हस्ताक्षर मामले का उजागर तब हुआ जब पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) से डीआईजी कोशी को जून 20 को मिला. पत्र मिलते ही पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई. डीआईजी ने तत्काल मामले की जांच के लिए मधेपुरा के एसपी को 23 जून को पत्र भेजा. क्योंकि आवेदक जिले के घैलाढ़ थाना क्षेत्र के पीपरही गांव के वार्ड नं. 6 का रहने वाला था । एसपी ने तत्काल मामले की जांच के लिए घैलाढ़ थानाध्यक्ष 4 जुलाई को जांच के लिए भेजा ।
थानाध्यक्ष घैलाढ़ ने बुधवार को आवेदक अमित कुमार अमन को नाटकीय ढंग से यह कहकर बुलाया कि लोन के जो प्रधानमंत्री को आवेदन दिया था वह जांच के आवेदन थाना आया है. यह सुनते आवेदक अमित थाना आया । पुलिस ने आवेदक को गिरफ्तार कर लिया । पुलिस ने आवेदक से पूछताछ की तो उसने बताया कि टीवी पर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन का विज्ञापन देखने पर मन में विचार आया कि आवेदन पर डीआईजी की अनुशंसा होने पर लोन जल्द मिल जायेगा. इसी कारण प्रधानमंत्री के नाम आवेदन में डीआईजी कोशी लिखकर आवेदन पर डीआईजी से अनुशंसा के लिए कार्यालय गए तो वहां तैनात पुलिस पदाधिकारी ने यह कहकर लौटा दिया किया आवेदन पर डीआईजी अनुशंसा की जरूरत नही सीधे आवेदन प्रधानमंत्री को भेज दे । अमित ने बताया कि मन में फिर विचार हुआ कि अगर डीआईजी का हस्ताक्षर और मोहर आवेदन पर होता जल्द लोन होगा. इसी कारण उसने डीआईजी का एक मोहर बनाया फिर डीआईजी का फर्जी साइन मोहर लगाकर आवेदन पीएमओ कार्यालय भेज दिया ।
अमित ने बताया कि आवेदन पर मोहर लगाने के बाद पकड़े जाने के डर से मोहर को नदी में फेंक दिया । थानाध्यक्ष ने बताया कि गिरफ्तार अमित के खिलाफ विधि सम्मत मामला के तहत केस दर्ज करते उसे जेल भेजा जा रहा है ।
(रिपोर्ट: मधेपुरा से पियूष राज/ घैलाढ़ से लालेंद्र कुमार)
पीएमओ से लोन के लिए डीआईजी का फर्जी साइन करने वाला मधेपुरा का युवक गिरफ्तार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 05, 2018
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