उफ़! मधेपुरा में खुले में शौच जाने को मजबूर है प्राइवेट स्कूल के बच्चे, स्कूल प्रबंधकों के द्वारा नहीं किया जा रहा है शौचालय निर्माण
भारत सरकार के द्वारा एक तरफ लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत जहाँ पूरे भारत में
खुले में शौच मुक्त करने का संकल्प लिया जा रहा है वहीँ मधेपुरा जिले में निजी
विद्यालय में भी पढ़ाई कर रहे बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर है.
मधेपुरा जिले के गम्हरिया में कृष्णा पब्लिक स्कूल एक प्राइवेट स्कूल है और
यहाँ के बच्चों को खुले में शौच जाना पड़ता है. हैरत की बात तो यह है कि प्राइवेट
स्कूल के संस्थापकों के द्वारा बच्चों के माता पिता से स्कूल में दाखिला के समय ही
स्कूल प्रबंधकों के द्वारा तमाम सुविधा मुहैया कराने के नाम पर पैसे तो लेते हैं
मगर शौचालय नहीं रहने के कारण बच्चों को खुले में शौचालय जाना पड़ता है.
बुधवार को सुबह जब कुछ स्कूली बच्चों को हाथ में लोटा तथा अन्य पानी बे बर्तन
के साथ जाते देखा तो उनसे जब पूछा गया कि हाथ में लोटा लेकर कहां जा रहे हो तो
उन्होंने बताया कि शौचालय जा रहे हैं. प्रत्येक दिन इसी तरह शौचालय सड़क किनारे या
नहर किनारे जाना पड़ता है. गम्हरिया प्रखंड में यह हाल किसी एक विद्यालय का नहीं
है. गम्हरिया प्रखंड के तमाम प्राइवेट विद्यालयों में शौचालय नहीं रहने के कारण बच्चे
सड़क किनारे शौचालय जाने को मजबूर हैं, बच्चे जबकि खुले में शौच जाने पर सरकारी
स्कूल के शिक्षकों को फोटो खींचकर भेजना पड़ता है. जाहिर है प्राइवेट स्कूल के संचालक
भारत सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं.
दूसरी तरफ मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिला मुख्यालय में स्थित निजी
विद्यालयों में शौचालय तो हैं पर कई विद्यालयों के शौचालयों में उचित सफाई नहीं
रहने के कारण बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
उफ़! मधेपुरा में खुले में शौच जाने को मजबूर है प्राइवेट स्कूल के बच्चे, स्कूल प्रबंधकों के द्वारा नहीं किया जा रहा है शौचालय निर्माण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 02, 2018
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