

बता दें कि मुरलीगंज प्रखंड प्रखंड के रामपुर पंचायत किसान नकली मक्का बीज का एक
बार फिर शिकार हो गये। प्रखंड बलुआहा रेलवे ढाला उत्तरी एवं दक्षिण पंचायत के खेत
में लगी मक्का की फसल में दाना नहीं होने से किसान हक्का-बक्का हैं। मामले में खुद
जांच करने पहुंचे जिला पदाधिकारी मो सोहैल ने कहा कि जांच कराकर सरकार को रिपोर्ट भेजी
जायेगी। कृषकों के मुताबिक ज्यादातर खेतों में लगाए मक्का पायनियर प्रभेद 3522 जो कि विपिन यादव पिता स्वर्गीय देव नारायण यादव
के 1 एकड़ खेत में लगा हुआ है और इस की बुवाई 17 नवंबर को हुई थी. वहीँ बगल के किसान सुबोध कुमार पिता
बिजेंद्र मुखिया के खेत में मक्का पायनियर प्रभेद 3535 दिनांक 17 नवंबर को ही लगाया गया था उसमें दाना आया हुआ है. जिला
पदाधिकारी द्वारा जांच की गई कि दोनों ही खेतों को एक ही तिथि में एक ही कंपनी के
दो ब्रांड बीजों की बुवाई की गई थी और एक में दाना आया है और दूसरे में दाना नहीं
आया है. जिला पदाधिकारी को जानकारी देते हुए विपिन यादव ने बताया कि उनके दूसरे
खेत में मक्का पायनियर प्रभेद 3396 लगा हुआ है जिस में भी दाना नहीं आया है.
मौके पर मौजूद किसानों ने जिला पदाधिकारी से कहा कि किसान सेवा केंद्र
दीनापट्टी हॉल्ट के प्रोप्राइटर महादेव चौधरी के यहां से मक्के की मक्के की खरीदारी
की थी.
पिछले तीन वर्षो से लगातार प्राकृतिक आपदा से किसान परेशान हैं। बाढ़,
ओलावृष्टि व सुखाड़ से कृषक अभी उबरे भी नहीं थे कि रबी फसल
मक्का में दाना नहीं आने से किसान हताश हैं। विगत वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण
सैकड़ों एकड़ में लगी मक्का की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी। विभागीय पुष्टि के बाद
सरकार द्वारा प्रभावित कृषकों के लिए प्रति हेक्टेयर हजारों रुपये के हर्जाने की
घोषणा की गयी थी, लेकिन आवंटन के बाद भी अब तक किसानों को राशि नहीं मिल सकी। इस बार भी मक्का
किसानों ने अपनी आर्थिक बदहाली सुधारने के लिए अधिक रकबा में मक्का की खेती की,
लेकिन फसल में दाना नहीं देख कृषकों का बुरा हाल है।
जानकारी के के अनुसार किसान सुभाष यादव, विपिन यादव, नवीन यादव, बिकास झा,
धीरेंद्र झा, दिगंबर झा ने मक्का लगाया था। लगभग 50 एकड़ में लगी फसल में दाना नहीं
आया है। बगल के किसान विपिन यादव व सुभाष यादव कुमार की भी
लगभग 10
एकड़ में लगी फसल में दाना नहीं आया है। कमोबेश इन दोनों
पंचायतों में अधिकांश मक्का किसानों का यही हाल है। हालांकि प्रखंड के कृषक मक्के
की लहलहाती फसल को देख क्षेत्र के कृषकों की बाछें खिल उठी थी। लेकिन अब मक्का में
दाना नहीं देख किसानों के पैरों तले की जमीन खिसक गयी है।
कृषक बीज कंपनियों को दोषी ठहरा रहे हैं। जबकि प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद
कुमार श्रीवास्तव ने बताया है कि पौधे की लैब में जांच कर ही दाना नहीं आने के सही
कारणों का पता लग सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मक्का में दाना नहीं आने से 10-5
कारण हो सकते हैं। तापमान की कमी,
नकली बीज, समय पर पोषक तत्व न मिलना या एक खेत में लगातार एक ही फसल
लगाने जैसे कारण भी हो सकते हैं, जिसका पता जांच से ही चल पायेगा। बहरहाल मक्का फसल में दाना
न आने को लेकर कृषक परेशान, हताश व मायूस है ।
जिला पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान मुरलीगंज अंचलाधिकारी शशि भूषण कुमार,
प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार श्रीवास्तव, कृषि समन्वयक विकास कुमार, आनंद
कुमार, मनीष कुमार, कुमार सानू, राजीव कुमार एवं कृषि सलाहकार रजनीश कुमार हरिनंदन
राम रानी कुमारी एवं पंकज कुमार मौजूद थे.
मक्के की बाली में दाना नहीं आने पर जांच करने खुद डीएम पहुंचे किसानों के बीच
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 15, 2018
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