मधेपुरा जिले के बिहारीगंज में इन दिनों लोग खासे परेशान हैं. परेशानी छुट्टे
पैसे को लेकर है. दुकानदार कहते हैं, ‘खुल्ले पैसे नहीं लूंगा नहीं चलता है’।
बैंक वाले भी लेने से आनाकानी करते है। यह कष्ट सबों का है, आमजनों, दूकानदारों सब्जी विक्रेताओ, ठेला चालकों, यहां तक की भिखमंगे भी उक्त छोटे सिक्के लेने से साफ मना
कर देता है।
ज्ञात हो कि समय समय पर भारतीय मुद्रा को लेकर लोग तरह तरह के अफवाह फैलाते
रहते है,जिस कारण लोगों के बीच गलतफहमी पैदा होता है। उक्त परेशानी
से तमाम लोगों को जूझना पड़ता है, पर इसकी लिखित सूचना प्रशासन को देने से कतराते है।
ज्ञात हो कि नोटबंदी के पूर्व लोगों को खुल्ले पैसे आसानी से नहीं मिल पाता
था। जबकि नोटबंदी के बाद खुल्ले पैसे लोग
एक दूसरे से आदान प्रदान करते रहे। पर हाल के दिनों में एक रूपये के सिक्के लेने
से कतराने लगे है। कई दूकानदारों से पूछने पर बताया कि ग्राहक को जब वे खुल्ले
पैसे देते है, तो
वह नहीं लेता है। इस कारण वे नहीं लेते है। वहीं बैंक वाले भी छुटृे पैसे जमा लेने
से इंकार करते है। इस कारण लोगों की परेशानी बढ़ी है।
वहीं बैंक कर्मी का कहना है कि उक्त पैसे की गिनती करने में बैंक का समय नष्ट
होता है, इस कारण वे पैसे लेने में आनाकानी करते है। उक्त बावत
अंचलाधिकारी नवीन शर्मा से पूछने पर उन्होंने बताया कि पीड़ित व्यक्ति उनके पास
आवेदन दे वे सख्त कार्रवाई करेंगें ।
(रिपोर्ट: रानी देवी)
‘ले लो भैया छुट्टे पैसे’: भिखमंगे भी नहीं ले रहे हैं छुट्टे पैसे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 14, 2017
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