हिंदी हमारी
सभ्यता-संस्कृति एवं राष्ट्रीयता की द्योतक है। इससे हमारी भावनाएं एवं संवेदनाएं
जुड़ी हुई हैं। यह हमारी जन अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं की भाषा है।
हिंदी के विकास
में हिंदुस्तान का विकास अंतर्निहित है।
उपरोक्त बातें कुलपति प्रोफेसर डॉ. अवध
किशोर राय ने गुरुवार को स्नातकोत्तर
हिंदी विभाग के तत्वावधान में आयोजित 'हिंदी दिवस समारोह' में कही ।
कुलपति ने कहा कि हिंदी हमारे हृदय की भाषा है।
हिंदी दिवस के बहाने हम अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं। हम हिंदी दिवस को विस्तृत कर हिंदी सप्ताह, हिंदी पखवारा एवं
हिंदी माह मनाएं। हम हर दिन को हिंदी दिवस के रूप मनाएं।
उन्होने यह भी कहा कि हिंदी एक समृद्ध भाषा है। यह चाइनीज के
बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी भाषा है। आज भारत एवं पड़ोसी देशों के अलावा माॅरीसस,
फिजी, इंडोनेशिया, ब्रिटेन एवं अमेरिका तक में हिंदी की धूम है। पूरी दुनिया
में हिंदीभाषियों का मान-सम्मान बढा है। अतः हिंदी में लिखना-पढना या बोलना शर्म
की नहीं,
बल्कि गर्व की बात है। हमें गर्व है कि हिंदी हमारी
राष्ट्रभाषा है।
उन्होने यह भी कहा
कि दूसरी भाषाओं को सीखने में कोई बुराई नहीं है। हमें भाषाओं को संकीर्ण दायरे
में नहीं बांधना चाहिए। हिंदी संकीर्णताओं से परे है। यह समावेशी भाषा है। यह
प्रेम एवं समन्वय की भाषा है।
प्रति कुलपति
प्रोफेसर डॉ. फारूक अली ने कहा कि हिंदी दिवस आत्ममूल्यांकन का अवसर है। भाषा की
लोकप्रियता जन से होती है। हम हिंदी को जन से जोड़ें। विभिन्न भाषाओं के बीच
वैमनस्य खत्म करें। हम अपने राष्ट्र के बारे में
सोचें। अपना राष्ट्रीय चरित्र विकसित करें। हिंदी का विकास सरकारी आयोजनों
से अधिक जन आयोजन से होगी।
अध्यक्षता डॉ. विनय
कुमार चौधरी ने किया।
इस अवसर पर
डीएसडब्लयू डॉ. अनिलकान्त मिश्र, सामाजिक विज्ञान संकायायाध्यक्ष डॉ. शिवमुनि यादव,
पूर्व सीसीडीसी डॉ. अमोल कुमार राय,
पूर्व कुलसचिव डॉ. शचीन्द्र, बीएनमुस्टा
के महासचिव डॉ. नरेश कुमार, परिसंपदा पदाधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. वैद्यनाथ साह, डॉ. कल्पना मिश्रा, डॉ. आर. के. पी.
रमण,
डॉ. विमला कुमारी,
डॉ. फसीउद्दीन, डॉ. आई. क्यू रहमान, डॉ. फजल, डॉ. विमला कुमारी, सिद्धेश्वर काश्यप आदि उपस्थित थे।
‘हिंदी हमारे हृदय की भाषा, हमें अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व है’: कुलपति
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 14, 2017
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