सरकार द्वारा 2008 में आयी कुसहा त्रासादी के बाद मधेपुरा जिले के आलमनगर बाढ़
प्रभावित प्रखंड के सभी पंचायतों में बाढ़ आने बाढ़ पीड़ितों के शरण के लिए बाढ़ आश्रय
स्थल का निर्माण जमीन खरीदकर करोड़ों रूपये की लागत से किया गया था.
परन्तु एक-आध बाढ़ आश्रय स्थल छोड़ कोई
भी बाढ़ आश्रय इस आपदा के समय काम नहीं आया जनप्रतिनिधियों ने बताया कि आनन-फानन
में निजी स्वार्थवश बाढ़ आश्रय स्थल के लिए सड़क से बहुत दूर निचले भूभाग में जमीन
का क्रय किया गया जिस वजह से सभी बाढ़ आश्रय स्थल खुद बाढ़ के पानी से डूबा हुआ है ।
सरकार द्वारा करोड़ों खर्च के बाबजूद भी बाढ़ आश्रय स्थल सफेद हाथी के दांत के
समान शोभा का वस्तु बनकर रह गई है एवं लोग बाढ़ पीड़ित त्राहिमाम कर रहे हैं । ऐसे
में सरकार की यह योजना क्षेत्र में विफल हो गई है. इस बाबत जिला पदाधिकारी मो0 सोहैल
ने बताया कि क्षेत्र से पानी हटने के बाद सभी वाढ़ आश्रालय तक पहुँच पथ का निर्माण
कराया जायेगा ।
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
जाएँ तो जाएँ कहाँ ?: बाढ़ के लिए बनाए आश्रय स्थल ही बाढ़ की चपेट में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 17, 2017
Rating: