मधेपुरा
के जिलाधिकारी मु सोहैल ने सोमवार कॊ संवाददाताओं कॊ सम्बोधित करते हुए कहा कि
प्रशासन बाढ़ पीडितों के प्रति संवेदनशील है और अब प्रत्येक बाढ़ पीडित परिवार कॊ
नियमानुसार अनुदान राशि का भुगतान किया जायेगा ।
उन्होने बताया कि जिले के अन्य प्रखंडों में
बाढ़ का पानी कम हुआ है और सड़क पर अब पानी नही है । लेकिन चौसा और आलम नगर
प्रखंडों में अभी भी बाढ़ का पानी कम नही हो पा रहा है ।
उन्होने बताया कि बाढ़ राहत अनुदान राशि के
लिये अब हर गाँव से माँग की जाने लगी है । लेकिन हमलोगों के पास सेटेलाइट से
प्राप्त विवरण है कि कौन-कौन से गाँव बाढ़ प्रभावित हैं । ऐसे हरेक गाँव के बाढ़
पीडितों कॊ अनुदान राशि दी जायेगी जिनके घर में बाढ़ का पानी घुसा था । उन्होंने बताया
कि जिले के सिंहेश्वर , घैलाढ और गम्हरिया कॊ
छोड़कर शेष सभी दस प्रखंडों में बाढ़ का कमोबेश प्रभाव पड़ा है । बाढ़ से 74 पँचायत
प्रभावित हैं, जिनमें 62 आंशिक और 12 पूर्ण प्रभावित हैं । जिले के 181 गाँव की
डेढ़ लाख जनसँख्या बाढ़ प्रभावित है और 22 हजार एकड़ भूमि में लगी फसल बरबाद हुई
है । बाढ़ पीडितों की मदद के लिये कुल 112 नाव चलाई जा रही है । अभी जिले में कुल
सत्ताईस राहत केन्द्र चल रहे हैं जहाँ नामजद 17 हजार से तिगुना बाढ़ पीड़ित नित्य
भोजन कर रहे हैं । पशु चारा, स्वा स्थ्य सुविधायें आदि
उपलब्ध हैं ।
बाढ़
के नाम पर राजनीति नही: जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ और राहत के नाम पर राजनीति
बर्दाश्त नहीं की जायेगी । देखा यह जा रहा
कि अपनी राजनीतिक लाभ के लिये आये दिन कुछ लोग अपनी रोटी सेंकने लगे हैं । बिना
कारण सड़क जाम जैसे कार्य कर समस्या उत्पन्न की जा रही है ।लिहाजा यह आदेश जारी
किया गया है कि जो कोई नेता जी बाढ़ राहत आदि के नाम पर सड़क जाम करेंगे उनके
विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाने लगी है । अब तक दो मामले दर्ज किये
हैं ।अगर किसी कॊ शिकायत है तो वे नियंत्रण कक्ष में o6476 222220 या फ़िर टोल फ्री 1074
पर या फ़िर मुझे बतावे ।लेकिन सीधे सड़क जाम करेंगे तो इसका नेतृत्व करने वाले कॊ
बख्शा नही जायेगा ।
जल क्रीड़ा से आयें बाज: जिलाधिकारी ने एक बार फ़िर यह अल्टीमेटम दिया है कि अपने अपने
नासमझ बच्चों कॊ बाढ़ के पानी में तैरने या जल क्रीडा पर रोक लगावें । उन्होने
बताया कि आपदा नियमानुसार बाढ़ में दुर्घटना जैसे नाव डूबने आदि पर ही अनुदान
वितरण का प्रावधान है । जल क्रीडा या मजे के लिये तैरने के दौरान डूबने से हुई
मृत्यु पर अनुग्रह अनुदान राशि देने का प्रावधान नही है । इस जिले में अबतक डूबने
से 17 मौत हुई है । लेकिन यह तथ्य सामने आया है कि कोई शौच करने के दौरान फिसल कर
तो कोई नहाने के दौरान डूब कर कर मरा है । रविवार कॊ पुरैनी में जिस माँ बच्चे की
डूबने से मौत हुई है उसके प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आ रही सरकारी नाव पर चढ़ने
के लिये वह मना करने के बावजूद पानी में उतर गयी और बच्चे के साथ डूब गई । लिहाजा
विवश होकर बाढ़ के जल क्रीडा करने पर पूरे जिले में निषेधाज्ञा जारी की गयी है और
पहले ही दिन उदाकिशुनगंज में 16 बच्चों कॊ पकड़ा गया और धारा 188 के तहत बॉंड भरवा
कर छोड़ा गया ।
राहत
सामग्री रवाना: जिलाधिकारी ने सोमवार कॊ आलम नगर और चौसा के लिये आठ नये नावों के
साथ कलकत्ता से मंगाये गये साढ़े चार हजार पोलीथिन सीट कॊ रवाना किया ।इस अवसर पर
उन्होने बताया कि अब तक 1455परिवारों कॊ यह सीट उपलब्ध कराया जा चुका है । बाढ़
में क्षतिग्रस्त आलम नगर से कुजौरी पथ, सोनामुखी
एक्टेन्सन रोड, एन एच 106 आदि कॊ मरम्मत कराकर यातायात चालू
किया जा चुका है । शेष पर भी काम चालू है ।
‘बाढ़ और राहत के नाम पर राजनीति बर्दाश्त नहीं’: डीएम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 21, 2017
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