
समारोह को संबोधित करते हुए सुबोध कुमार ने अपने
तीन साल के कार्यकाल और अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए कहा कि मधेपुरा के जिलाधिकारी
के नेतृत्व मे काम करने मे लगातार उर्जावान महसूस करता था. शायद इस कारण रविवार को
भी काम करने मे हमेशा उत्साहित रहा. साथ काम कर रहे सभी अधिकारियों और सहकर्मियों
का सहयोग हमेशा से मिलता रहा. बहुत जल्द स्थानांतरण का समय आ गया, परन्तु जब भी
समय मिलेगा मधेपुरा की धरती पर जरुर आता रहूँगा.
एक मोटिवेशनल गुरु की भूमिका मे उन्होंने छात्रों
को संबोधित करते हुए आगे बढ़ने, सपने
देखने, लक्ष्य बनाने और
उसको पूरा करने के लिए संकल्पित होने की बातें कही.
मौके पर अपने संबोधन मे जिला कार्यक्रम अधिकारी रवि
प्रकाश सिंह ने कहा कि हरेक समीक्षात्मक
बैठक से पूर्व के अभिभावक दुवारा सुबोध सर का ज्ञान हमेशा प्राप्त हुआ. रात हो या
दिन हो कभी भी किसी प्रकार के मदद से इन्होने संकोच नहीं किया. सर की बतलाई हुई
बातें हमेशा मेरा मार्गदर्शन करेगी.
समिधा ग्रुप के सचिव संदीप शांडिल्य ने कार्यक्रम का
सञ्चालन करते हुए कहा कि सुबोध सर की मदद हर समय समिधा ग्रुप को प्राप्त हुई है.
जब भी हमें जरूरत हुई सर ने हमेशा मार्गदर्शन किया. हम आशा करते हैं सर मधेपुरा और
यहाँ के लोगों के साथ गुजरे किसी भी बुरी यादों को यहीं छोड़ते हुए बस अच्छी यादों को
अपने साथ लेते जाएँ. हम सभी ग्रुप के सदस्य सुबोध सर के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते
हैं.
प्रोग्राम के अंत मे बी.पी.एस.सी. और यू.पी.एस.सी.
के छात्रों को किसी भी प्रकार का पढ़ाई से सम्बंधित मदद के लिए उन्होंने अपना
पर्सनल मोबाइल नंबर भी छात्रों के बीच सार्वजानिक किया.
(नि. सं.)
मधेपुरा के श्रम अधीक्षक और उनकी धर्मपत्नी को दी भावभीनी विदाई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 10, 2017
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