'इस बार मैं ही जीत रहा हूं, बस आपके वोट की दरकार है': बिछी बिसात, मतदाता बेदम

नगर निकाय के चुनाव का मतदान 21 मई को है। सभी प्रत्याशी अब खुलकर चुनाव प्रचार में पिल पड़े हैं और मतदाता को सुबह नींद में जगा कर तो देर रात नींद से उठाकर उन्हें बताते हैं कि इस बार मैं ही जीत रहा हूं, बस आपके बहुमूल्य मत की दरकार है ।


    मधेपुरा नगर परिषद का चुनाव भी राज्य के अन्य जिलों के समान ही होता है और विजेता वार्ड पार्षद का प्रमुख काम बस यही होता है कि वे मुख्य पार्षद को चुनते हैं। कैसे चुनते हैं और पर्दे के पीछे क्या खेल होता है, यह सभी मतदाता जानते हैं। लेकिन राज्य सरकार भी सारे तथ्यों से अवगत होने के बावजूद मुख्य पार्षद को मुखिया के समान आम मतदाताओं से नहीं चुनवा कर वार्ड पार्षदों से ही चुनवाती है।

       बहरहाल इस बार भी सभी मतदाता यही समझ रहे है कि मुहल्ले में नाला बनेगा जिसका कहीं निकासी नहीं होगा। सड़क बनेगी जो शीघ्र ही टूट जाएगी। ठेकेदार को ठीक से बनाने आम मतदाता कहेंगे तो पार्षद जी उसे बचाने आए जाएंगे क्योंकि उनका भी हिस्सा बनधा है,ऐसा ही आरोप लगाया जाता रहा है।

       वार्डो की हालत तो पहले से ही बेहाल थी और अब इस चुनाव को ले आम मतदाता भी बद हाल हो रहे हैं। किस से क्या बात करें, यह पहले
सोचना पड़ता है। प्रत्याशी की अपनी समस्या है कि विरोधी प्रत्याशी उनके समर्थक को हथिया न लें। जो समर्थक साथ घूमते है उनका खर्चा भी उठाना पड़ रहा है । उपर से धूप और पसीना ने तो बेहाल ही कर दिया है। एक महिला प्रत्याशी का दुख यह है कि साथ में घूमने के लिए कोई महिला को बड़ी मुश्किल से राजी करना होता है। सीधे कहती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बिना घूस के घर दोगी तभी साथ में प्रचार करने जाएंगे। पहले वाली ने तो ठग ही लिया था। अब ई घर कैसे देंगे, हमको नहीं पता। उ तो मुन्ना के पापा ने जबरदस्ती हमको माला पहना कर मैदान में उतार दिया है, अब तो आपके भरोसे ही हैं। भला इस व्यथा से कौन नहीं पिघले।मतदाता येन केन प्रकारेण बस में आ ही जाते हैं।

   कुछ वार्डो में तो बुरी स्थिति है। प्रत्याशियों के बीच  फाइट की स्थिति है। तनातनी की इस स्थिति के बीच जहां भले मतदाता अनहोनी की आशंका से चुनावी चर्चा सुनते ही घिसक जाते हैं। लेकिन साथ घूमने वाले समर्थकों की बल्ले बल्ले है। मौस भात तो मिलता ही है, चुरा-नुका के हलक के नीचे का जुगाड भी बैठ जाता है।

       बाहुबली प्रत्याशियों के क्षेत्र में भले प्रत्याशी की बड़ी आशंका है कि मतदान के दिन हमारे मतदाता को मारपीट या धमकी देकर भगा न दे, सो किसी तरह बूथ पर कड़ाई हो और सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन से आग्रह आवेदन कर रहे हैं।

          लेकिन प्रशासनिक निष्पक्षता का भरोसा रहने के बावजूद अनुभवी मतदाताओं को कहना है कि नया जीते या पुराना, बतवा एक्के है। मोल भाव करने में जो सक्षम होगा वहीं बन पाएगा नगर परिषद का भाग्य विधाता ।
'इस बार मैं ही जीत रहा हूं, बस आपके वोट की दरकार है': बिछी बिसात, मतदाता बेदम 'इस बार मैं ही जीत रहा हूं, बस आपके वोट की दरकार है': बिछी बिसात, मतदाता बेदम Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 12, 2017 Rating: 5
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