गर्मी में पछिया हवा के झोंकों के साथ अग्निकांड की बढती घटनाओ पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने इस बार भी व्यूहरचना तैयार कर चुकी है।
गत वर्ष भी अग्निकांड की घटनाओं पर अंकुश और क्षति को कमतर करने के लिए जिन कोशिशो को व्यावहारिक रूप दिया गया था, उसका फलाफल अनुकूल मिला था। राज्य सरकार ने भी इन कोशिशों को सराहा था और इस बार तो पुरे राज्य में इन्ही कोशिशों को कार्यरूप देने का निर्देश दिया गया है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मु सोहैल ने बताया कि जिले में सात अग्नि शमन वाहन हैं जिन्हें मधेपुरा, सिंहेश्वर, मुरलीगंज, कुमारखंड, उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज और चौसा में रखा गया है। सूचना मिलने के 20 मिनट के अन्दर ये वाहन घटना स्थल पर पहुंचेंगे। इन 20 मिनटों में प्राथमिक बचाव के लिए गाँव के सभी बोरिंग पम्प सेट के स्वामियों को निदेशित किया गया है कि वे हमेशा तैयार रहे और जहाँ भी ये आग बुझाने का काम करेंगे तो इन्हें 500 रु न्यूनतम भुगतान होगा। सभी अंचलाधिकारी अपने अपने क्षेत्र में पम्पसेट स्वामियों को तैयार रखेंगे।
उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर मुखिया की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति बनाई जा रही है जो आग से बचाव, सुरक्षा और स्थानीय स्तर पर पम्पसेट आदि की व्यवस्था करेगी। इस समिति में सभी पंचायती राज प्रतिनिधि एवं पराजित मुखिया और सरपंच भी सदस्य होंगे जब्ली सचिव पंचायत सचिव होंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत् से भी अग्निकांड की अधिक घटना होती है। लिहाजा 10 बजे दिन से 5 बजे शाम तक ग्रामीण क्षेत्र में 17 अप्रेल तक विद्युतापूर्ति बंद रखी जाएगी ।इस बीच सेपरेटर और गार्ड लगा कर लूज कनेक्सन को ठीक कर लिया जायेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि इस बार अग्निकांड से पीड़ित परिवारों को विभागीय निर्देश के अनुसार वस्त्र और बर्तन के लिए 3800, नकद अनुदान 3000 तथा खाद्यान्न के लिए 3000 रु यानि कुल 9800 रु तत्काल अनुदान दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त अधिक क्षति होने पर प्रभावितों को केम्प में रखने तथा नष्ट झोपडी के लिए 4100 रु गृह क्षति देने का प्रावधान है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मु सोहैल ने बताया कि जिले में सात अग्नि शमन वाहन हैं जिन्हें मधेपुरा, सिंहेश्वर, मुरलीगंज, कुमारखंड, उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज और चौसा में रखा गया है। सूचना मिलने के 20 मिनट के अन्दर ये वाहन घटना स्थल पर पहुंचेंगे। इन 20 मिनटों में प्राथमिक बचाव के लिए गाँव के सभी बोरिंग पम्प सेट के स्वामियों को निदेशित किया गया है कि वे हमेशा तैयार रहे और जहाँ भी ये आग बुझाने का काम करेंगे तो इन्हें 500 रु न्यूनतम भुगतान होगा। सभी अंचलाधिकारी अपने अपने क्षेत्र में पम्पसेट स्वामियों को तैयार रखेंगे।
उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर पर मुखिया की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति बनाई जा रही है जो आग से बचाव, सुरक्षा और स्थानीय स्तर पर पम्पसेट आदि की व्यवस्था करेगी। इस समिति में सभी पंचायती राज प्रतिनिधि एवं पराजित मुखिया और सरपंच भी सदस्य होंगे जब्ली सचिव पंचायत सचिव होंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत् से भी अग्निकांड की अधिक घटना होती है। लिहाजा 10 बजे दिन से 5 बजे शाम तक ग्रामीण क्षेत्र में 17 अप्रेल तक विद्युतापूर्ति बंद रखी जाएगी ।इस बीच सेपरेटर और गार्ड लगा कर लूज कनेक्सन को ठीक कर लिया जायेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि इस बार अग्निकांड से पीड़ित परिवारों को विभागीय निर्देश के अनुसार वस्त्र और बर्तन के लिए 3800, नकद अनुदान 3000 तथा खाद्यान्न के लिए 3000 रु यानि कुल 9800 रु तत्काल अनुदान दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त अधिक क्षति होने पर प्रभावितों को केम्प में रखने तथा नष्ट झोपडी के लिए 4100 रु गृह क्षति देने का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त नियंत्रण कक्ष 06476-222220,अग्निशालय-223234 और 8873594460 (मधेपुरा) और 06479-220022 तथा 9534243970 (उदाकिशुनगंज) पर हमेशा उपलब्ध रहेगा। प्रेस वार्ता में अपर समाहर्ता भी उपस्थित थे।
जिले में आग पर काबू पाने और क्षति कमतर करने की प्रशासन ने की पहल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 10, 2017
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