मधेपुरा जिला इस बार ऐसे रंग में रंगा जिसकी कल्पना भी लोगों ने शायद ही की होगी. प्रेम और सौहार्द की होली में आम लोगों का जोश भी कुछ कम नहीं था.
अंतर सिर्फ इतना था कि पिछले सालों हुडदंगियों और पियक्कड़ों का सड़कों पर राज चलता था तो इस बार आम उत्साहित लोग सड़कों पर थे.
युवाओं की टोली पर भले ही भांग का नशा चढ़ चुका था परन्तु राह चलते या होली मानते अन्य लोगों को इससे कोई परेशानी नहीं थी. टोलियों में युवा घूम रहे थे और डीजे की धुन पर कहीं-कहीं मस्त होकर नाच रहे थे तो मुहल्लों में बच्चों की बेख़ौफ़ किलकारियां गूँज रही थी. वैसे ‘अभ्यस्त पियक्कड़ों’ के चेहरे पर सुबह ही दिन के बारह बज रहे थे तो आम लोग राहत महसूस कर रहे थे.
मधेपुरा जिला मुख्यालय में इस बार की होली में अद्भुत दृश्य दिखा. सदर थाना में शान्ति समिति की बैठक में ही एक साथ होली खेलने का निर्णय लिया गया था जो और ही बेहतर तरीके से सड़कों तक पहुंचा. जिला प्रशासन के कई अधिकारी, पुलिस अधिकारी और कर्मी, नेताओं तथा जन प्रतिनधियों का समूह तथा आम लोग जमा होकर चले तो साथ में अग्निशामक वाहन भी चला जिसमें सादे पानी की जगह रंग भरा था. नृत्य और गीत पर जिधर ये झुण्ड चला कौतूहल का विषय बनता चला गया. सैंकड़ों लोग इस अद्भुत होली का हिस्सा बने और जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के आवास तक जाकर उनके साथ भी होली खेली.
‘बिन दारू सब सून!’: शराबबंदी और पुलिस की सख्ती का असर भी दिखा और शराबियों के हुडदंग पर शहर में लगाम लगा हुआ था. यदि किसी ने जुगाड़ लगाकर थोड़ी पी भी ली तो डरते हुए चारों तरफ देख रहे थे और फिर गिरफ्तारी के डर से जल्द ही घरों में ही रहना बेहतर समझा. वैसे कई युवक जो हर बार होली के दिन शराब पीकर टल्ली रहते थे, इसबार उन्होंने अपना समय घरों में परिवार के साथ गुजारा. जाहिर है, ऐसे परिवारों के लिए इस बार की होली 'बेस्ट होली’ रही.
मधेपुरा में होली का वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.
युवाओं की टोली पर भले ही भांग का नशा चढ़ चुका था परन्तु राह चलते या होली मानते अन्य लोगों को इससे कोई परेशानी नहीं थी. टोलियों में युवा घूम रहे थे और डीजे की धुन पर कहीं-कहीं मस्त होकर नाच रहे थे तो मुहल्लों में बच्चों की बेख़ौफ़ किलकारियां गूँज रही थी. वैसे ‘अभ्यस्त पियक्कड़ों’ के चेहरे पर सुबह ही दिन के बारह बज रहे थे तो आम लोग राहत महसूस कर रहे थे.
मधेपुरा जिला मुख्यालय में इस बार की होली में अद्भुत दृश्य दिखा. सदर थाना में शान्ति समिति की बैठक में ही एक साथ होली खेलने का निर्णय लिया गया था जो और ही बेहतर तरीके से सड़कों तक पहुंचा. जिला प्रशासन के कई अधिकारी, पुलिस अधिकारी और कर्मी, नेताओं तथा जन प्रतिनधियों का समूह तथा आम लोग जमा होकर चले तो साथ में अग्निशामक वाहन भी चला जिसमें सादे पानी की जगह रंग भरा था. नृत्य और गीत पर जिधर ये झुण्ड चला कौतूहल का विषय बनता चला गया. सैंकड़ों लोग इस अद्भुत होली का हिस्सा बने और जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के आवास तक जाकर उनके साथ भी होली खेली.
‘बिन दारू सब सून!’: शराबबंदी और पुलिस की सख्ती का असर भी दिखा और शराबियों के हुडदंग पर शहर में लगाम लगा हुआ था. यदि किसी ने जुगाड़ लगाकर थोड़ी पी भी ली तो डरते हुए चारों तरफ देख रहे थे और फिर गिरफ्तारी के डर से जल्द ही घरों में ही रहना बेहतर समझा. वैसे कई युवक जो हर बार होली के दिन शराब पीकर टल्ली रहते थे, इसबार उन्होंने अपना समय घरों में परिवार के साथ गुजारा. जाहिर है, ऐसे परिवारों के लिए इस बार की होली 'बेस्ट होली’ रही.
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फायरब्रिगेड से निकला सौहार्द का रंग: अद्भुत होली के रंग में रंगा मधेपुरा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 13, 2017
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