मधेपुरा: जिले भर में होलिका दहन और होली मिलन समारोह

रंगों का पर्व होली को लेकर चौसा प्रखंड समेत मधेपुरा जिले भर में विभिन्न स्थानों पर आज संध्या रविवार को विभिन्न चौक चौराहों पर होलिका दहन किया गया।
होलिका दहन को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा गया। चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित मुख्य बाजार में मनोज शर्मा द्वारा विधि विधान कर होलिका दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर हरि अग्रवाल, अनिल मुनका, पुरुषोत्तम राम, अनिल चौधरी, मुरारी पटवारिका, रतनलाल पटवारिका,राजेंद्र भगत, शंभू शरण चौरसिया, कमल किशोर शर्मा, राजेश अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, पंकज गुप्ता, मनीष अग्रवाल, सोनू कुमार, जगदीश साह समेत  सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
    मालूम हो कि होली का वास्तविक महत्व इससे कहीं अधिक है. होली हमारे स्वर्णिम पौराणिक महत्व को दर्शाती है तो इसका आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व भी है। सामाजिक दृष्टि से बहुत विशेष है तो इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी है। इसलिए होली वास्तव में एक सम्पूर्ण पर्व है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन चैत्रकृष्ण प्रतिपदा में रंग अर्थात दुल्हैंडी का पर्व मनाया जाता है।

होलिका दहन की तिथि को माना जाता है सिद्ध रात्रि: होली का आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से भी बड़ा महत्व है होलिका दहन अर्थात छोटी होली की रात्रि को एक परम सिद्ध रात्रि माना गया है जो किसी भी साधना जप तप ध्यान आदि के लिए बहुत श्रेष्ठ समय होता है। होलिका दहन वाले दिन किए गए दान-धर्म पूजन आदि का बड़ा विशेष महत्व होता है। साथ ही सामाजिक दृष्टि से देखें तो भी सभी व्यक्तियों का आपस में मिलकर विभिन्न प्रकार के रंगों के द्वारा हर्षपूर्वक इस त्यौहार को मनाना समाज को भी संगठित करता है। इसके अलावा इस त्यौहार का एक वैज्ञानिक महत्व भी है होली पर्व का समय वास्तव में संक्रमण काल या ऋतुपरिवर्तन का समय होता है जब वायुमण्डल में बैक्टीरिया अधिक होते हैं जिससे यह समय रोग वृद्धि का भी होता है।
मधेपुरा: जिले भर में होलिका दहन और होली मिलन समारोह मधेपुरा: जिले भर में होलिका दहन और होली मिलन समारोह Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 12, 2017 Rating: 5
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