बीएड प्रवेश परीक्षा से शुरू हुए
विवादों का सफर रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
ताजा विवाद रमेश झा महिला कॉलेज के नामांकन लिस्ट से जुड़ा है जिसमें दर्जनों लड़कों का भी नाम है. संयुक्त संगठन ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि बीएनएमयू में लगातार हो रहे विरोध बताते हैं कि बीएनएमयू में एक अयोग्य टीम काम कर रही है, जिसके पास नियम कानून का कोई महत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में भारत की पहली घटना है जहां महिला कॉलेज में पुरुषों को भी प्राथमिकता दी जा रही है.
ताजा विवाद रमेश झा महिला कॉलेज के नामांकन लिस्ट से जुड़ा है जिसमें दर्जनों लड़कों का भी नाम है. संयुक्त संगठन ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि बीएनएमयू में लगातार हो रहे विरोध बताते हैं कि बीएनएमयू में एक अयोग्य टीम काम कर रही है, जिसके पास नियम कानून का कोई महत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में भारत की पहली घटना है जहां महिला कॉलेज में पुरुषों को भी प्राथमिकता दी जा रही है.
एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव मनीष
कुमार ने महिला कॉलेज के लिस्ट में पुरुषों का नाम होने पर विरोध व्यक्त करते हुए
कहा कि यह महिला कॉलेज की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है. इसे अविलंब रोक कर सुधार
किया जाए अन्यथा विश्वविद्यालय को फिर से विरोध का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा
कि यदि अपनी हरकत से बाज नहीं आया तो मामला राजभवन तक जाएगा. एसएफआई के नेता सारंग
तनय तथा एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय प्रतिनिधि प्रभात कुमार मिस्टर ने कहा कि विश्वविद्यालय
ने अपनी सारी हदें पार कर दी है और ऐसा लगता है कि नियमों को ताक पर रखकर काम कर
रही है.
(नि.सं.)
महिला कॉलेज के नामांकन लिस्ट में ‘पुरुषों’ के नाम: विवाद शुरू
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 02, 2016
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