सुपौल। नेपाल प्रभाग स्थित कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि दर्ज की जा रही है. सोमवार को कोसी नदी का जलस्तर करीब दो लाख क्यूसेक तक पहुंच जाने के कारण कोसी तटबंध के भीतर बसे कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
बाढ़ के पानी की वजह से तटबंध के अंदर खेतों में लगी फसल पूरी तरह डूब गयी है, वहीं लोगों के घरों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इस वजह से कोसी तटबंध के भीतर बसे लोगों की मुश्किल काफी बढ गयी है.
जानकारी के अनुसार रविवार से ही नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही थी. सोमवार को तटबंध के भीतर स्थित गांवों में करीब दो से तीन फीट तक पानी भर गया. जिसके बाद लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोग बाहर की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं अभी भी अधिकांश लोग तटबंध के भीतर स्थित अपने घरों में फंसे हुए हैं.
नाव के अभाव की वजह से लोगों को बाहर निकलने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी स्तर पर नाव की मुकम्मल व्यवस्था नहीं रहने की वजह से लोग निजी नाव मालिक के दोहन का शिकार हो रहे हैं. तटबंध के भीतर बसे ढ़ोली, बनैनियां, लौकहा, भुलिया, बलथरवा, कटैया, सिहपुर, गिरधारी, करहरी, औरही, सियानी, तकिया, कबियाही, सनपतहा, परवाहा, उग्रीपट्टी आदि गांवों में सैकड़ों परिवार बाढ़ के बीच फंसे हुए हैं. इन लोगों के बीच अब तक सरकारी स्तर पर राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराया गया है. बाढ़ प्रभावित परिवारों की माने तो पूर्व में आये बाढ़ के दौरान प्रशासन द्वारा तीन किलो चूरा, 250 ग्राम चीनी व पॉलिथीन सीट देकर उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बाढ़ पीड़ितों को अविलंब राहत सामग्री एवं पर्याप्त संख्या में नाव उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
सरायगढ- भपटियाही सीओ ने बताया कि कोसी तटबंध के भीतर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नाव की संख्या बढ़ा दी गयी है. लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. स्थिति पर स्वयं नजर रख रहे हैं. बाढ़ प्रभावित परिवारों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने दी जायेगी.
बाढ़ के पानी की वजह से तटबंध के अंदर खेतों में लगी फसल पूरी तरह डूब गयी है, वहीं लोगों के घरों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इस वजह से कोसी तटबंध के भीतर बसे लोगों की मुश्किल काफी बढ गयी है.
जानकारी के अनुसार रविवार से ही नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही थी. सोमवार को तटबंध के भीतर स्थित गांवों में करीब दो से तीन फीट तक पानी भर गया. जिसके बाद लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोग बाहर की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं अभी भी अधिकांश लोग तटबंध के भीतर स्थित अपने घरों में फंसे हुए हैं.
नाव के अभाव की वजह से लोगों को बाहर निकलने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी स्तर पर नाव की मुकम्मल व्यवस्था नहीं रहने की वजह से लोग निजी नाव मालिक के दोहन का शिकार हो रहे हैं. तटबंध के भीतर बसे ढ़ोली, बनैनियां, लौकहा, भुलिया, बलथरवा, कटैया, सिहपुर, गिरधारी, करहरी, औरही, सियानी, तकिया, कबियाही, सनपतहा, परवाहा, उग्रीपट्टी आदि गांवों में सैकड़ों परिवार बाढ़ के बीच फंसे हुए हैं. इन लोगों के बीच अब तक सरकारी स्तर पर राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराया गया है. बाढ़ प्रभावित परिवारों की माने तो पूर्व में आये बाढ़ के दौरान प्रशासन द्वारा तीन किलो चूरा, 250 ग्राम चीनी व पॉलिथीन सीट देकर उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए बाढ़ पीड़ितों को अविलंब राहत सामग्री एवं पर्याप्त संख्या में नाव उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
सरायगढ- भपटियाही सीओ ने बताया कि कोसी तटबंध के भीतर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नाव की संख्या बढ़ा दी गयी है. लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. स्थिति पर स्वयं नजर रख रहे हैं. बाढ़ प्रभावित परिवारों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने दी जायेगी.
कोसी के जलस्तर में वृद्धि, तटबंध के भीतर त्राहिमाम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 12, 2016
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