हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए राईस मिलर पर प्राथमिकी !

मधेपुरा जिला के ग्वालपाड़ा थाना में राईस मिलर पर दर्ज एक ताजा मुकदमा सवालों के घेरे में है और मधेपुरा के अधिकारी की समझ पर भी सवाल खड़ा करता है.
    मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा के राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक नौशाद अहमद खां के द्वारा ग्वालपाड़ा थाना में माँ दुर्गा राईस मिल के प्रोप्राइटर रविन्द्र प्रसाद यादव के खिलाफ गबन और जालसाजी का मुकदमा थाना काण्ड संख्यां 33/2016 दर्ज कराया गया है. थाना में दिए आवेदन में कहा गया कि अरार निवासी रविन्द्र यादव द्वारा धान अधिप्राप्ति वर्ष 2012-13 में एकरारनामा करते हुए 14161.05 क्विंटल धान प्राप्त किया गया जिसमें बकाया सीएमआर जमा करने का बार-बार आदेश देने के बाद भी इनके द्वारा जमा नहीं किया गया. आवेदन में यह भी दर्शाया गया है कि तत्कालीन जिला प्रबंधक द्वारा उक्त अवधि में इनके गोदाम का निरीक्षण करने पर मिल एवं गोदाम में चावल नहीं पाया गया, जो इनके द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन है. कहा गया कि गबन की कुल राशि एक करोड़ उनतीस लाख से ज्यादा है जिसमें से सिर्फ तीन लाख रूपये जमा किये गए हैं और इनपर एक करोड़ छब्बीस लाख से अधिक की राशि बकाया है.
    जबकि माँ दुर्गा राईस मिल के प्रोप्राइटर रविन्द्र प्रसाद यादव से मिली जानकारी के अनुसार इसी मामले को लेकर एक सर्टिफिकेट केस संख्यां 8/2014-15 पूर्व में दर्ज किया गया है जिसके खिलाफ प्रोप्राइटर रविन्द्र प्रसाद यादव के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, पटना में CWJC 3986/ 2016 दायर किया गया है. माननीय न्यायालय ने उक्त मामले में 22 अप्रैल को एक आदेश पारित करते हुए आवेदन रविन्द्र प्रसाद यादव के द्वारा दो सप्ताह के अन्दर तीन लाख रूपये जमा करने पर इनके खिलाफ Coercive step (बलपूर्वक कार्यवाही) नहीं लेने का आदेश पारित किया था. आदेश के मुताबिक़ आवेदक के द्वारा तीन लाख रूपये भी जमा कर दिए गए. यही नहीं न्यायालय ने अपने 12 मई के आदेश में अगले आदेश तक पूर्व के आदेश के जारी रहने की बात लिखी.
    पीड़ित रविन्द्र प्रसाद यादव का कहना है कि इसके बावजूद राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक नौशाद अहमद खां के द्वारा ग्वालपाड़ा थाना में माँ दुर्गा राईस मिल के प्रोप्राइटर रविन्द्र प्रसाद यादव के खिलाफ उसी आरोप को लेकर गबन और जालसाजी का मुकदमा थाना काण्ड संख्यां 33/2016 दर्ज कराना माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना प्रतीत होता है.
    बता दें कि हाई कोर्ट में पीड़ित रविन्द्र प्रसाद यादव के द्वारा दायर Civil Writ Jurisdiction Case No. 3986 of 2016 में राज्य सरकार, जिला पदाधिकारी, मधेपुरा, सर्टिफिकेट ऑफिसर, मधेपुरा और जिला प्रबंधक, बिहार स्टेट फ़ूड एंड सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन लि., मधेपुरा को पार्टी बनाया गया है और गत 22 अप्रैल को सुनवाई के दौरान प्रतिपक्षी की ओर से भी अधिवक्ता उच्च न्यायालय में उपस्थित थे. ऐसे में न्यायालय के आदेश की अनदेखी करने का आरोप लेकर पीड़ित न्याय के लिए फिर से माननीय न्यायालय का रूख करने की सोच रहे हैं.
(नि.सं.)
हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए राईस मिलर पर प्राथमिकी ! हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए राईस मिलर पर प्राथमिकी ! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 21, 2016 Rating: 5

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