मैट्रिक परीक्षा में छात्र के पैंट उतारकर जांच करने का मुद्दा गरमाया: मधेपुरा सांसद ने संसद में मुद्दा उठाकर की कार्यवाही की मांग


सांसद ने कहा कि इस देश में एक ऐसा राज्य है जहाँ शिक्षा का कोई मतलब नहीं है. न वहां प्राथमिक शिक्षा है, न कॉलेज हैं, न टीचर्स हैं, न प्रोफ़ेसर हैं और न कोई गुणवत्ता है. वहां सिर्फ मिड डे मील और पोषाहार पर बच्चे जाते हैं और वे भी 90% दलित बच्चे हैं. सांसद ने आगे कहा कि मैं आपको प्रिंट दिखा रहा हूँ, वहां स्थिति इतनी बुरी है कि वहां बच्चों को नंगा करके एक्जाम लिया जाता है, जबकि सेना की परीक्षा भी गंजी और जांघिया में ली जाती है. खगड़िया में मैट्रिक के बच्चों का जिस तरह से एग्जाम लिया जाता है, उन्हें भीतर पीटा जाता है, पढ़ाई के लिए कभी गए नहीं, कभी वहां ट्यूशन नहीं हुआ.
कार्यवाही की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि यह मानवाधिकार का सबसे बड़ा उलंघन है. इससे बड़ी तालिबानी और हिटलरशाही जैसी सरकार कहीं हो नहीं सकती है. सरकार को इस पर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए.
मैट्रिक परीक्षा में छात्र के पैंट उतारकर जांच करने का मुद्दा गरमाया: मधेपुरा सांसद ने संसद में मुद्दा उठाकर की कार्यवाही की मांग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 14, 2016
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