डोली उठने से पहले उठी अर्थी: लड़की को कुचलने का आरोप नारायणी उपेन्द्र महाविद्यालय के सचिव पर, कार पुलिस के कब्जे में

मिली जानकारी के अनुसार एचपी गैस एजेंसी के पास एक तेज और लापरवाह कार ने पहले उस मोटरसाइकिल को ठोकर मारी जिस पर अनीता अपने भाई के साथ सवार थी और कहते हैं कि जब मोटरसायकिल सवार गिरे तब भी कार की गति कम नहीं हुई और पहिया अनीता के ऊपर से गुजर गया. सदर अस्पताल में अनीता की मौत हो गई जबकि आज अनीता की जिन्दगी में बेइंतहां ख़ुशी का दिन आने वाला था. आज गम्हरिया थानाक्षेत्र के फुलकाहा मराही टोला वार्ड नं. 5 के लखन यादव की 20 वर्षीय बेटी अनीता का छेका था और जल्द ही उसकी डोली उठने वाली थी.
पुलिस की तहकीकात में जो बात सामने आई वो आम आदमी को सदमे में डालने वाली है. पुलिस के अनुसार कार फुलकाहा निवासी और नारायणी उपेन्द्र महाविद्यालय के सचिव डॉ. उपेन्द्र यादव चला रहे थे. खून की होली खेलकर भाग जाने वाले कार को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर थाना पर लगा दिया है. बताया गया कि डॉ. उपेन्द्र यादव नहीं मिले.
एक्सीडेंट का मामला भले ही कानून की नजर में जमानतीय धाराओं के अंतर्गत आता हो, पर यहाँ एक बात समझ में नहीं आती कि खुद को शिक्षाविद कहने वाले लोगों को क्या दुर्घटना के बाद घायल को उठाकर अस्पताल नहीं ले जाना चाहिए था. संभव था तुरंत इलाज होने पर अनीता की जान बच सकती थी. पर कल कार चालक दुर्घटना के बाद कार लेकर भाग गया था.
मेहंदी लगे हाथों में अनीता को मृत देखकर माँ-बाप का कलेजा मुंह को आ रहा है. आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहा है. आंसू डोली उठने पर भी झरते, ख़ुशी के. पर शायद आप नहीं जानते, डोली उठने और अर्थी उठने के आंसूओं में जमीन आसमान का फर्क होता है उपेन्द्र बाबू!
डोली उठने से पहले उठी अर्थी: लड़की को कुचलने का आरोप नारायणी उपेन्द्र महाविद्यालय के सचिव पर, कार पुलिस के कब्जे में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 21, 2016
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