मधेपुरा जिले के आलमनगर प्रखण्ड के आलमनगर पूर्वी पंचायत स्थित अठगामा बासा में निर्माणाधीन बाढ़ आश्रय भवन को लेकर स्थानीय लोगों ने जम कर बबाल काटा. कार्य कर रहे मजदूर सहित मुंशी ने ग्रामीणों के उग्र रूप को देखकर काम बंद कर दिया.
ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ आश्रय स्थल के भवन निमार्ण में संवेदकों द्वारा भारी अनियमितता बरती है. भवन निर्माण को लेकर कई बार हमलोगों के द्वारा स्टीमेट माँगा गया परन्तु बिना स्टीमेट का हीं कार्य किया जा रहा है और तीन नंबर के ईंट और घटिया सीमेंट का प्रयोग किया गया है. ईट को लेकर भवन निर्माण कर रहे संवेदकों के मुंशी को बार-बार कहा गया परन्तु वे मानने को तैयार नहीं हुए. भवन निर्माण शुरू करने से पुर्व संवेदकों द्वारा प्राक्कलित राशि सहित अन्य चीजों के लिए लगाये जाने वाला बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. ग्रामीणों का आरोप था कि जिस जगह भवन निर्माण कराया गया है उस जगह पर प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी आती है. इसके बाद भी भवन निर्माण का कुर्सी सड़क से भी नीचा किया गया है जिसके कारण बाढ़ आने के बाद भवन पानी घुसना तय है. इसके अलावे बाढ़ आश्रय भवन तक जाने के लिए रास्ता भी नहीं है तो किस आधार पर भवन निर्माण उस जगह पर कराया जा रहा है. आरोप लगाया कि तत्कालीन सीओ के द्वारा इस बिन्दु को नजर अंदाज करते हुए भवन निर्माण के लिए मनमाने तरीके से जमीन का क्रय किया गया.
विवाद के बावत बी डी ओ मो0 मिन्हाज अहमद ने बताया कि प्रखण्ड में हो रहे 17 जगहों पर बाढ़ आश्रय भवन निर्माण का अभियंता के द्वारा जांच कराये जाने को लेकर जिला पदाधिकारी से आग्रह किया जायेगा.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ आश्रय स्थल के भवन निमार्ण में संवेदकों द्वारा भारी अनियमितता बरती है. भवन निर्माण को लेकर कई बार हमलोगों के द्वारा स्टीमेट माँगा गया परन्तु बिना स्टीमेट का हीं कार्य किया जा रहा है और तीन नंबर के ईंट और घटिया सीमेंट का प्रयोग किया गया है. ईट को लेकर भवन निर्माण कर रहे संवेदकों के मुंशी को बार-बार कहा गया परन्तु वे मानने को तैयार नहीं हुए. भवन निर्माण शुरू करने से पुर्व संवेदकों द्वारा प्राक्कलित राशि सहित अन्य चीजों के लिए लगाये जाने वाला बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. ग्रामीणों का आरोप था कि जिस जगह भवन निर्माण कराया गया है उस जगह पर प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी आती है. इसके बाद भी भवन निर्माण का कुर्सी सड़क से भी नीचा किया गया है जिसके कारण बाढ़ आने के बाद भवन पानी घुसना तय है. इसके अलावे बाढ़ आश्रय भवन तक जाने के लिए रास्ता भी नहीं है तो किस आधार पर भवन निर्माण उस जगह पर कराया जा रहा है. आरोप लगाया कि तत्कालीन सीओ के द्वारा इस बिन्दु को नजर अंदाज करते हुए भवन निर्माण के लिए मनमाने तरीके से जमीन का क्रय किया गया.
विवाद के बावत बी डी ओ मो0 मिन्हाज अहमद ने बताया कि प्रखण्ड में हो रहे 17 जगहों पर बाढ़ आश्रय भवन निर्माण का अभियंता के द्वारा जांच कराये जाने को लेकर जिला पदाधिकारी से आग्रह किया जायेगा.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
ठेकेदार के खिलाफ निर्माणाधीन बाढ़ आश्रय भवन को लेकर बवाल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 03, 2016
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