सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना के पुलिस हिरासत में आज गिरफ्तार किये गए डकैती काण्ड के एक वारंटी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हुई है.
मिली जानकारी के अनुसार पिपरा थाना क्षेत्र के एक डकैती के मामले (पिपरा थाना काण्ड संख्यां 91/1999) में त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के मजहा गांव का रहने वाला फरार वारंटी प्रमोद सरदार अपने कुछ मित्रों के साथ मछली पकड़ रहा था, जिसे पुलिस ने खदेड़ कर त्रिवेणीगंज के मचहा गांव के तालाब के समीप पकड़ा था. जिसके बाद संदेहास्पद स्थिति में उसकी मौत की सूचना उसके परिजनों को मिली.
मृतक की मां व पत्नी ने थाने में आकर हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसे पुलिस ने किसी तरह शांत कराया. मृतक के परिजनों का कहना है कि वह पुलिस की पिटाई से मरा है, जबकि पिपरा पुलिस इसे प्राकृतिक मौत बता रही है. मामले को बिगडते देख पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. जिला प्रशासन द्वारा गठित दंण्डाधिकारी वरीय उपसमाहर्ता अरूण कुमार के निगरानी में डॉक्टरों की टीम द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. मौके पर मौजूद सदर डीएसपी वीणा कुमारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामले का खुलासा हो पायेगा.
हालाँकि कस्टोडियल डेथ के किसी भी मामले में मानवाधिकार आयोग की जांच भी उचित जान पड़ती है. (नि.सं.)
मिली जानकारी के अनुसार पिपरा थाना क्षेत्र के एक डकैती के मामले (पिपरा थाना काण्ड संख्यां 91/1999) में त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के मजहा गांव का रहने वाला फरार वारंटी प्रमोद सरदार अपने कुछ मित्रों के साथ मछली पकड़ रहा था, जिसे पुलिस ने खदेड़ कर त्रिवेणीगंज के मचहा गांव के तालाब के समीप पकड़ा था. जिसके बाद संदेहास्पद स्थिति में उसकी मौत की सूचना उसके परिजनों को मिली.
मृतक की मां व पत्नी ने थाने में आकर हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसे पुलिस ने किसी तरह शांत कराया. मृतक के परिजनों का कहना है कि वह पुलिस की पिटाई से मरा है, जबकि पिपरा पुलिस इसे प्राकृतिक मौत बता रही है. मामले को बिगडते देख पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. जिला प्रशासन द्वारा गठित दंण्डाधिकारी वरीय उपसमाहर्ता अरूण कुमार के निगरानी में डॉक्टरों की टीम द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. मौके पर मौजूद सदर डीएसपी वीणा कुमारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामले का खुलासा हो पायेगा.
हालाँकि कस्टोडियल डेथ के किसी भी मामले में मानवाधिकार आयोग की जांच भी उचित जान पड़ती है. (नि.सं.)
Custodial Death: पुलिस थाने के हिरासत में वारंटी की संदेहास्पद मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 02, 2016
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