
मालूम हो कि शिवगंगा के जीर्णोद्धार के कार्य का शिलान्यास 6 जून 2013 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. लेकिन अभी तक कार्य पूर्ण होने की कोई विधिवत जानकारी न्यास के पास नहीं है. सूत्र बताते हैं कि शिवगंगा में अभी भी कई कार्य बाकी हैं. जानकारी के अनुसार शिवगंगा के चारों तरफ ढलाई करके टाईल्स लगाया जाना है और खराब पड़े सोलर लाइट को बदलना है. सब से खतरनाक बात यह है कि शिवगंगा मे जिस सीढ़ी पर लाखों श्रद्वालू स्नान करते हैं, उस सीढी के नीचे गहरी खाई है जो चार से पांच फीट तक शून्य है. पानी में डुबकी लगाने पर उसमें फंसने का का डर हमेशा बना रहता है. हाल में ही त्रिवेणीगंज का एक युवक, जो दंण्डप्रणामी देने मंदिर गया, लेकिन उसी खाई मे फंसने से संम्भवत: उसकी मौत हो गई. हर साल छठ पर्व के अवसर पर एक हाईप्रोफाइल ड्रामा होने के बाद ही छठ मनाया जाता है. फिर भी न्यास के सदस्य को शिवगंगा की अनियमितता नही दिखाई देती है.
शिवगंगा के जीर्णोद्धार के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंदिर के सौन्दर्यीकरण के लिये 1. धर्मशाला सह विवाह स्थल 2.शिवगंगा के बगल में टॉयलेट कम्पलेक्स सह चेंज रुम 3.शिवगंगा से नदी तक सीवरेज तथा ड्रेन लाईन की व्यवस्था, 4. सोलर वाटर पंप तथा शिवगंगा से नदी तक जल निकासी, 5. मंदिर के सामने छायादार वृक्षों के नीचे सीटिंग बेंच का निर्माण, 6. शिवगंगा तालाब के दक्षिण पश्चिम कोने पर मल्टीपर्पस ऑपेन हाल का निर्माण 7. शिवगंगा की पूरब ओर प्रतिमा लगाने जैसी सात योजनाओं की घोषणा की थी, जो काम आज तक नही हो पाया है, जिसके प्रति न्यास के सदस्य की उदासीनता का खामियाजा कहीं न कहीं श्रद्धालुओं को ही भुगतना पड़ रहा है. (क्रमश: )
सवालों में न्यास (भाग-4): जीर्णोद्धार के लिए कब तक आंसू बहाएगा शिवगंगा ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 25, 2016
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