रेल इंजन कारखाना को हरी झंडी, पर मधेपुरा में किसानों का आन्दोलन जारी, मांगें नहीं मानी तो नहीं देंगे जमीन और कर लेंगे आत्मदाह !

मधेपुरा और मढोरा में प्रस्तावित रेल इंजन कारखाना को जहाँ भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी है, वहीँ मधेपुरा में रेल इंजन कारखाना को लेकर किसान लगातार आन्दोलन पर उतारू है. किसानों की मांग है कि जब तक जिला प्रशासन एंव सरकार किसानों की मांग पूरी नहीं करता है, तब तक किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं होगा. इसी कड़ी में आज किसानों ने अपनी मांग को लेकर प्रस्तावित रेल इंजन कारखाना के पास मधेपुरा के श्रीपुर चकला में किसानों ने एक दिवसीय महाधरना देकर स्थानीय जिला प्रशासन एंव भारत सरकार की रेल मंत्रालय के विरुद्ध जमकर नारेबाजी किया .
        किसानों ने कहा कि सरकार 2013 की भूमि अधिग्रहण नये कानून के तहत चार गुना मुआवजा और प्रत्येक परिवारों को एक एक नौकरी नहीं देती है तब तक हम अपनी जमीन सरकार को नहीं देंगें. किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कहा कि जरुरत पड़ी तो हम सभी किसान जिला मुख्यालय के समाहरणालय गेट पर अपनी मांग को लेकर आत्मदाह भी करंगें. बता दें कि वर्ष 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मधेपुरा में विद्युत रेल इंजन कारखाना हेतु 1100 एकड जमींन अधिगृहीत किया था, जिसमें दर्जनों किसानों ने पुराने सरकारी दर से अपनी मआवजा प्राप्त कर लिया है. शेष बचे किसान अब नये सरकारी दर पर चार गुना मुआवजा की मांग पर अड़े हुए हैं. हालाँकि अब सरकार को फिलहाल मात्र तीन सौ एकड़ जमीन की ही जरुरत है जिसमे कारखाना लगाया जाएगा. लेकिन कयास ऐसा लगाया जा रहा है कि किसान की मांग जब तक पूरी नहीं होगी तब तक मधेपुरा में किसानों की लाल झंडी जमींन पर कारखाना निर्माण की दिशा में खतरा बना रहेगा. उधर किसानों के मुताबिक भारत सरकार की रेल मंत्रालय के हरी झंडी के बाद जिला प्रशासन ने प्रस्तावित रेल इंजन कारखाना की जमीन पर नापी कराने स्थानीय अंचलाधिकारी को भेजा जहाँ किसानों ने रोक लगा दी और अपनी मांग को लेकर एक दिवसीय धरना देकर जिला प्रशासन एंव रेल मंत्रालय के विरुद्ध जमकर नारेबाजी शुरू कर दी.
        वहीँ इस बाबत एस.डी.एम् संजय कुमार निराला ने कहा कि इस तरह कि कोई बात नहीं है जमीन नापी का कोई मामला नहीं है. कुछ ऐसे लोग हैं जो किसान को दिग्भ्रमित कर रहें हैं, सब ठीक हो जायगा. हालाँकि मधेपुरा में जिला प्रशासन और रेल मंत्रालय के बीच किसानों के मुआवजा को लेकर पेंच फंसा हुआ है. अब देखना दिलचस्प होगा आखिर कब तक किसानों को हक़ मिलता है और कब तक प्रस्तावित स्थल पर रेल इंजन कारखाना प्रारंभ हो पाता है, ये तो वक्त हीं बताएगा बहरहाल अपनी मांग पर अड़े हैं तुनियाही मौजा और श्रीपुर चकला के दर्जनों किसान. ज्ञात हो कि स्थानीय सांसद सह जनाधिकार पार्टी के संयोजक राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने भी चलभाष पर धरना को संबोधित किया कहा हम आपकी लड़ाई लड़ेंगे और मजबूती से लोक सभा में बात रखेंगें जिसपर सरकार व जिला प्रशासन भी सहमत होंगें और कारखाना भी बनेगा. ऐसे मौके पर जनाधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष मोहन मंडल, अनिल कुमार अनल, सी.पी.आई.के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य प्रमोद प्रभाकर, किसान अधिवक्ता निर्मल कुमार सिंह, किसान पिंटू यादव, भूषण यादव, सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे. 
रेल इंजन कारखाना को हरी झंडी, पर मधेपुरा में किसानों का आन्दोलन जारी, मांगें नहीं मानी तो नहीं देंगे जमीन और कर लेंगे आत्मदाह ! रेल इंजन कारखाना को हरी झंडी, पर मधेपुरा में किसानों का आन्दोलन जारी, मांगें नहीं मानी तो नहीं देंगे जमीन और कर लेंगे आत्मदाह ! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 02, 2015 Rating: 5

1 comment:

  1. हाँ ये बात सही है कि अगर पूर्ण शराब बंदी होती है तो बिहार मेंपडोंसी राज्यों और नेपाल से इसकी तसकरी शुरू हो जायेगी जिस पर लगाम लगाना अगर असंभव नही तो आसान भी नही होगा।।

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