'वक्त गुजर जाता है, रह जाती है तो केवल यादें. हमारा जीवन सुख-दुख से भरा है. महावीर बाबू बहुआयामी व्यक्तित्व के थे.' ये बातें क्षेत्रीय विधायक सह पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव ने कही. वे आज जनता उच्च विद्यालय चौसा के पूर्व प्रधानाध्यापक महावीर प्रसाद यादव के आकस्मिक निधन पर मनोहरपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे.पूर्व मंत्री श्री यादव ने कहा कि जो भी इस धरती पर आया, उसका जाना तय है. हमें अपना जीवन सदा अच्छे कार्यो में लगाना चाहिए. महावीर बाबू अपने काम में विश्वास रखते थे और वे कर्त्तव्यनिष्ठ थे. वे समाज के हर लोगों को साथ लेकर कर चलने में विश्वास करते थे।.लोग अपने कर्म और विचार से जीवित रहते है. मृत्यु का बर्फीला हाथ सब पर पड़ता है. इसलिए हमारा जीवन समाज के लिए अर्पित रहता है.
बीस सूत्री अध्यक्ष मनोज प्रसाद ने कहा कि महावीर बाबू कम समय में ही सामाजिक समरसता कायम करने वालों को अपनी ईमानदारी और व्यवहार कुशलता के बल पर मुरीद बना लिए थे. जनता उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक दयानंद यादव ने महावीर बाबू के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर विस्तृत रूप् से प्रकाश डाला. प्राचार्य प्रो.उत्तम कुमार, शिक्षक सुबोध कुमार पासवान, प्रताप नारायण मंडल, प्रो.नरेश मंडल,जदयू नेता चन्देश्वरी साह ने कहा कि महावीर बाबू के निधन से हमारे समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई संभव नही है. शिक्षक विद्यानंद मंडल, प्रो.अशोक यादव, वासुदेव प्रसाद गुप्त, बालेश्वर यादव, सुरेन्द्र प्रसाद मंडल ने कहा कि महावीर बाबू सामंती व्यवस्था के खिलाफ थे.
इससे पहले उपस्थित लोगों ने महावीर बाबू के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और अंत में महावीर बाबू की आत्मा की शाति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया गया. इस मौके पर भवानीपुर के प्रमुख अवधेश मंडल, सुशील कुमार यादव, प्रो.कौशल कुमार यादव, अबुसालेह सिद्दीकि, समीम अख्तर, मनौवर हुसैन, जवाहर चौधरी, तारिणी यादव समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता दयानंद यादव एवं संचालन प्रमोद कुमार सूरज ने किया.
(रिपोर्ट: आरिफ आलम)
'वक्त गुजर जाता है, रह जाती है तो केवल यादें': पूर्व मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 16, 2015
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