करवटें बदलते रहें सारी रात हम: प्रत्याशियों की निगाहें 8 नवम्बर पर, समर्थक अपने हिसाब के एग्जिट पोल को बता रहे सही

नेता जी की रात करवटें बदलती कटी. चुनाव संपन्न हुआ तो जीत-हार का हिसाब लगाने में देर राह हो गई. समर्थकों ने कहा कि फलां-फलां इलाके में तो अधिकाँश वोट आपको ही मिले हैं. पर भरोसा नहीं, क्या कह रहा है ये सब. ऐसा कैसे होगा, क्या सचमुच इतना वोट मिल सकेगा ? खैर, जो भी हो, अब तो कोशिश का समय चला गया. भगवान-भगवान करे रहे हैं.
    कोसी में कुछ भी कहना मुश्किल है. बहुत से युवाओं ने भाजपा गठबंधन को वोट किया है तो यादवों-दलितों की बड़ी जमात ने लालू-नीतीश में भरोसा जताया है. मधेपुरा में किसी एक सीट पर चमत्कार हो जाय तो अलग बात है, पर सीधा मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के उम्मीदवारों में ही है.
    एग्जिट पोल करना अच्छी बात नहीं है, भले ही फैशन में है. बड़े चैनलों को ही देखिए. कोई गठबंधन को जीत दिला रहा है तो कोई एनडीए को. हालाँकि इस बार मोदी या लालू-नीतीश के कट्टर समर्थकों के लिए ये अच्छा है. जिस चैनल ने एग्जिट पोल में उसकी पार्टी और गठबंधन की जीत दिखाई है वे उसे ही देखकर कम से कम आठ तक खुश तो हैं. वैसे भी किसी एग्जिट पोल को सटीक कहने का कोई आधार नहीं है, संयोग से सही हो जाय तो अलग बात है. हर मतदाता तक सर्वे एजेंसी का पहुंचना मुमकिन नहीं है और यदि पहुँच भी गए तो इस बात की क्या गारंटी है कि वोटर ने उन्हें सही जानकारी दी है. वोटर चालाक हैं और वैसे भी किसे वोट डाला ये बताना उनकी मजबूरी तो नहीं है, क्योंकि भारत में गुप्त मतदान का अधिकार संविधान प्रदत्त है.
    खैर जो भी हो, अब तो परिणाम जानने में महज एक दिन बीच में है और देखना है कि आठ नवम्बर को किन लोगों और प्रत्याशियों की मानती है दिवाली और किसका निकल जाता है दीवाला?
(नि.सं.)
करवटें बदलते रहें सारी रात हम: प्रत्याशियों की निगाहें 8 नवम्बर पर, समर्थक अपने हिसाब के एग्जिट पोल को बता रहे सही करवटें बदलते रहें सारी रात हम: प्रत्याशियों की निगाहें 8 नवम्बर पर, समर्थक अपने हिसाब के एग्जिट पोल को बता रहे सही Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 06, 2015 Rating: 5

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