"यहाँ किसकी मज़ाल है
जो छेड़े दिलेर को ,.,
गर्दिश में तो कुत्ते भी
घेर लेते हैं शेर को !"
कल ही मानस ने अपने फेसबुक वाल पर ठीक उसी जगह की तस्वीर लगाकर ये शेर लिखा था, जहाँ आज हादसा हुआ. पर ये किसी को नहीं पता था कि दिलेर मानस की गर्दिश का समय कुछ ही घंटे के बाद आने वाला है. मधेपुरा जिला मुख्यालय में गुमटी पुल रेलवे लाइन के पास आज दिन में डूबे मानस मोनू का देर शाम तक कुछ पता नहीं चल सका. स्थानीय लोगों ने जहाँ उसे पानी में दूर तक ढूँढने का प्रयास किया वहीँ मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार दिनभर घटनास्थल पर ही जमे रहे और मानस को ढूंढ निकालने के लिए परेशान दिखे.
डूबे तीन लड़कों में से दो को बचा लेने वाले बगल में बद्री यादव बताते हैं कि ये लड़के कई रविवार से यहाँ नहाने आते थे. आज भी देरतक उन्हें नहाते देख बद्री ने उन्हें निकलने को आवाज भी दी, पर उसी समय मानस
गहरे पानी में चला गया और उसके दो दोस्तों ने उसे बचाने का प्रयास भी किया. खतरे को भांप कर बद्री भी पानी में कूद पड़े. दो को तो उन्होंने बचा लिया, पर मानस मिला ही नहीं.
देर शाम एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फ़ोर्स) की टीम भी मधेपुरा पहुँच चुकी है, पर रात में अधेरे में टीम ने काम करना उचित नहीं समझा. अब कल सुबह मानस की तलाश होगी. अधिकाँश लोग यह मानकर चल रहे हैं कि दोस्तों के बीच अत्यंत ही लोकप्रिय मानस अब इस दुनियां में नहीं है. मधेपुरा जिला मुख्यालय के एसपीएम लॉ कालेज के बगल में ट्रेडर्स चलाने वाले हंसमुख स्वभाव के दिलीप यादव का छोटा पुत्र महज 14 साल
की उम्र में सबों का साथ छोड़ देगा, परिवार ने कभी कल्पना भी नहीं की थी. सेंत जॉन पब्लिक स्कूल में दशवीं कक्षा में पढने वाले मानस के साथ क्रिकेट खेलने वाले सत्यार्थ प्रकाश कहते हैं कि ये हमारी कल्पना से बाहर है कि मानस नहीं है. आत्मविश्वास से भरे मानस के व्यवहार से सभी खुश रहते थे. आत्मविश्वास की बात तो मानस के कल के फेसबुक पोस्ट पर भी दिखती है. सत्यार्थ कहते हैं, काश, मानस सुबह में कहीं बेहोश पड़ा या किसी भी तरह जिन्दा मिल जाए तो हम उपरवाले का यह एहसान कभी नहीं भूलेंगे. पर लोग जानते हैं इसकी सम्भावना नगण्य है. भले ही एसडीआरएफ टीम आने के बाद लोगों को सुबह का इन्तजार है, पर शायद इस रात की सुबह नहीं.
जो छेड़े दिलेर को ,.,
गर्दिश में तो कुत्ते भी
घेर लेते हैं शेर को !"
कल ही मानस ने अपने फेसबुक वाल पर ठीक उसी जगह की तस्वीर लगाकर ये शेर लिखा था, जहाँ आज हादसा हुआ. पर ये किसी को नहीं पता था कि दिलेर मानस की गर्दिश का समय कुछ ही घंटे के बाद आने वाला है. मधेपुरा जिला मुख्यालय में गुमटी पुल रेलवे लाइन के पास आज दिन में डूबे मानस मोनू का देर शाम तक कुछ पता नहीं चल सका. स्थानीय लोगों ने जहाँ उसे पानी में दूर तक ढूँढने का प्रयास किया वहीँ मधेपुरा थानाध्यक्ष मनीष कुमार दिनभर घटनास्थल पर ही जमे रहे और मानस को ढूंढ निकालने के लिए परेशान दिखे.
डूबे तीन लड़कों में से दो को बचा लेने वाले बगल में बद्री यादव बताते हैं कि ये लड़के कई रविवार से यहाँ नहाने आते थे. आज भी देरतक उन्हें नहाते देख बद्री ने उन्हें निकलने को आवाज भी दी, पर उसी समय मानस
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg0kcxeQflTvGH2E5vlkkjr9hpz0Ry-q4jTt6qWJW7N28ZwT-TV7fOi_VdAuRJlOVkL3kc9Srbapl3_iNFcIskpwiJJ-OHAgrYFeb8a7AgFz9ulCC5gvwdKoEo3cEUxn7EVsXru0PVG7rSl/s1600/Foppow-up.png)
देर शाम एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फ़ोर्स) की टीम भी मधेपुरा पहुँच चुकी है, पर रात में अधेरे में टीम ने काम करना उचित नहीं समझा. अब कल सुबह मानस की तलाश होगी. अधिकाँश लोग यह मानकर चल रहे हैं कि दोस्तों के बीच अत्यंत ही लोकप्रिय मानस अब इस दुनियां में नहीं है. मधेपुरा जिला मुख्यालय के एसपीएम लॉ कालेज के बगल में ट्रेडर्स चलाने वाले हंसमुख स्वभाव के दिलीप यादव का छोटा पुत्र महज 14 साल
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhl2NkyuAXT21ZFl00Olwu62WrkwMpLKJnZ5tzAWtsFwVSjIVLS6OyKfhOZ7-vM7d7TSveH1MT2DCDtYiptpsJ8Ib220RpytuBZ8QyQr0KoNaJsomtZMkjZ9F5QDTDxz4TXs0ozm58iRyYw/s320/Madhepura+Times+news+online.jpg)
(नि.सं.)
'गर्दिश में तो कुत्ते भी घेर लेते हैं शेर को': डूबे मानस का पता नहीं, पहुंची एसडीआरएफ टीम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 04, 2015
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