आम तौर पर ऐसा नहीं होता है और वो भी सीडीपीओ के
मामले में. अक्सर अपने रूतबे, कड़ाई या बेवजह भी तंग करने की वजह से सीडीपीओ अपने
कर्मचारियों और सेविका-सहायिकाओं के बीच लोकप्रिय नहीं हो पाती हैं. पर मधेपुरा जिले के चौसा सीडीपीओ
इस्मत की विदाई पर आज लोगों के आंसू छलक पड़े.
चौसा प्रखंड सभागार में सीपीओ इस्मत की विदाई समारोह के साथ ही चौसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी
मिथिलेश बिहारी वर्मा को सीडीपीओ का प्रभार दिया गया. विदाई में आई हुई सेविका तथा बाल विकास के कर्मचारियों की आखें नम हुई तो विदा होने वाली पदाधिकारी भी अपने
आंसू रोक नहीं पाई.
मौके पर निवर्तमान सीडीपीओ इस्मत
ने कहा कि यहाँ के लोगों से मिले प्यार और सहयोग को वे शायद ही कभी भूल सकें. चौसा
के लोग बहुत ही अच्छे हैं. वहीँ चौसा की कई सेविका और सहायिका का कहना था कि इतनी
अच्छी सीडीपीओ उन्होंने आज तक नहीं देखा. यदि उन्होंने कोई सजा भी दी तो वो अच्छे
के लिए और नौकरी बचाने के लिए. व्यवहार के मामले में तो मैडम का कोई सानी नहीं था.
हाल की बहाली में भी सीडीपीओ का ईमानदार रूप चौसा ने देखा.
विदाई समारोह में जहाँ
जनप्रतिनिधि विनोद राय ने दावा किया कि वे राज्य ककी गारंटी तो नहीं ले सकते, पर
उनका दावा है कि इतनी बेहतरीन सीडीपीओ जिले में नहीं थी. प्रखंड विकास पदाधिकारी
ने भावुक होकर कहा कि इनके काम की बदौलत लोग आज इनकी विदाई के समय रो रहे हैं.
एक सीडीपीओ की विदाई पर क्यों छलक गए लोगों की आँखों से आंसू?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 05, 2015
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