
घटना
करीब दो बजे दिन की है. मिली जानकारी के अनुसार बेतिया में पदस्थापित एक कॉलेज
शिक्षक प्रो० सिकंदर यादव के जगजीवन पथ स्थित मोती कुंज, सुशीला निवास में आज जब
मजदूर काम कर रहे थे तब पड़ोस के विजय राम, रविन्द्र राम आदि ने उन्हें खिड़की आदि
का काम करने से रोका. प्रो० सिकंदर यादव ने बताया कि जब सदर डीएसपी के आदेश से
उन्होंने अपने घर का काम आगे बढ़ाना चाहा तो विरोधी के परिवार की महिलायें और
पुरुषों ने घर आकर तोड़फोड़ कर दी. जब पुलिस को इस बात की सूचना दी गई तो मधेपुरा
थाना के एक बोलेरो से आए चार पुलिसकर्मियों को उपद्रवियों ने घर में बंद कर दिया
और बोलेरो को क्षतिग्रस्त कर दिया. बताया जाता है कि पुलिस की मौजूदगी में ही विजय
राम के चार भाइयों के परिवार की महिलाओं और युवकों ने पीड़ित प्रो० सिकंदर यादव का
सर फोड़ दिया.
मामला
अनियंत्रित होते देख मधेपुरा पुलिस ने आनन-फानन में अतिरिक्त पुलिस बल मंगाकर
उपद्रवियों पर काबू पाया. वाहन तोड़-फोड़ के आरोपित तीन महिलाओं को महिला पुलिस ने
गिरफ्तार किया है तथा एक युवक भी हिरासत में लिया गया है. मधेपुरा थानाध्यक्ष
इन्स्पेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि डीएसपी साहब के आदेश पर जब मधेपुरा पुलिस की
गश्ती टीम घटनास्थल पर गई तो उन्होंने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया और बोलेरो का
सीसा फोड़ दिया. तीन उपद्रवी महिलाओं और एक युवक को तत्काल हिरासत में लिया गया है.
पड़ोसी के साथ प्रेम (‘Love thy Neighbour’-A Golden Rule) से रहने की सलाह हमारे पुरखों ने
शायद इसलिए दी है कि जब आप अचानक किसी मुसीबत में पड़ते हैं तो आपके सगे-सम्बन्धी
बाद में, पर पड़ोसी सबसे पहले मदद के लिए खड़े हो सकते हैं. पर स्वार्थ में अंधे हो
चुके अधिकाँश लोगों को अब पड़ोसी फूटी आँख नहीं सुहा रहे. पड़ोसी से विवाद इतना उग्र
शायद ही कभी देखा गया होगा जितना मधेपुरा में घटी आज की इस घटना में देखा गया.
देखा जाय तो ऐसी दबंगई का समाज
में कोई स्थान नहीं है और जब स्वार्थ में अंधा होकर कोई उपद्रव कर समाज में अशांति
कायम करना चाहे तो पुलिस को चाहिए कि उसका समुचित ‘इलाज’ करे.
(नि.सं.)
मधेपुरा शहर में विवाद सुलझाने गए पुलिस को किया घर में बंद: पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 26, 2015
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