लगभग ढाई वर्ष पहले 2012 में जिले को सन्न कर देने वाली बलिया बासा रेप कांड में
आज मधेपुरा के एक न्यायालय ने दुष्कर्मी को अधिकतम सजा सुना दी है.
मधेपुरा
जिले के उदाकिशुनगंज थाना के बलिया बासा की बलात्कार पीड़िता जो बलात्कार से
नाबालिग माँ बन गई थी, के जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास करते हुए मधेपुरा के
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री प्रभु दयाल गुप्ता ने मुख्य आरोपी लालो शर्मा को
बलात्कार के जुर्म में दस वर्ष की सश्रम कारावास और लड़की के एक बार गर्भपात कराने
के अपराध में लालो को सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. यही नहीं दोनों
सिद्ध अपराधों के तहत दुष्कर्मी को पांच-पांच हजार रूपये का आर्थिक दंड भी सुनाया.
यदि लालो शर्मा के द्वारा दंड की राशि जमा नहीं की गई तो उसे एक साल और जेल भुगतना
होगा.
दुष्कर्मी
लालो शर्मा के द्वारा पीड़िता के गर्भपात की योजना बनाने वाले विजय शर्मा को भी
न्यायालय ने साथ साल की सश्रम कारावास की सजा सुना दी है और उसे भी पांच हजार
रूपये का आर्थिक दंड दिया गया है.
बताते
हैं कि सजा सुनने के बाद दुष्कर्मियों के चेहरे सफ़ेद पड़ गए थे. न्यायालय के इस फैसले
पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्याय के मंदिर ने पीड़िता को न्याय
दिलाने का भरपूर प्रयास किया है और बलात्कार के क़ानून के द्वारा निर्धारित अधिकतम
सजा मिलने से यह बात आज फिर साबित हुई है कि, “लॉ इज एवभ ऑल”.
(क्या था पूरा मामला? यदि नहीं पढ़ा हो तो यहाँ क्लिक
करें: घिनौना
चेहरा समाज का, दुष्कर्म का शिकार बनी नाबालिग माँ.)
(वि० सं०)
बलात्कारी को मिली अधिकतम सजा: मजदूरी करते दस साल काटने होंगे जेल में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 04, 2015
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