
मधेपुरा जिले का मुरहो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है बदहाल और
यहाँ स्थानीय मरीजों को होती है परेशानी. अस्पताल से प्रभारी चिकित्सक सहित सभी
चिकित्सक रहते हैं फरार और जिला मुख्यालय में चलते हैं अपना निजी अस्पताल. प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र मुरहो है गार्ड और ए.एन.एम. के सहारे. सिविल सर्जन ने कहा जाँच
कर होगी चिकित्सक पर आवश्यक कार्यवाही.
बिहार के पूर्व
मुख्यमंत्री सह मंडल आयोग के अध्यक्ष बी. पी. मंडल के पैतृक गांव मुरहो में प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र आज भी बदहाली के आंसू रो रहा है. जबकि इस बदहाल अस्पताल में
प्रतिनियुक्त हैं चिकित्सा प्रभारी सहित तीन चिकित्सक लेकिन सभी अस्पताल से लगभग हमेशा
फरार रहते हैं और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी खुद जिला मुख्यालय में रह कर अपना
निजी अस्पताल चलाते हैं. हालत ये हैं कि ए.एन.एम. और गार्ड के सहारे चलने वाले इस
पीएचसी में अब ए.एन.एम. भी कोई रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं. अस्पताल आए पेशेंट के
पुर्जे पर ए.एन.एम. को अब ये लिखने में कहीं से कोई संकोच नहीं है कि “डॉक्टर साहब के
नाईट ड्यूटी में नहीं रहने के कारण पेशेंट को रेफर कर रही हूँ.” और इस तरह लिखकर
रेफर करना अस्पताल की पूरी पोल खोलकर रख देता है.
मामले पर मधेपुरा
के सिविल सर्जन डा० जे० पी० मंडल कहते हैं कि अस्पताल में प्रतिनियुक्त डॉक्टर
निजी क्लिनिक चला सकते हैं पर ड्यूटी ऑवर में नहीं. उन्होंने ताजा मामले की जांच
कर उचित कार्यवाही करने की बात कही.
सरकार स्वास्थ्य सेवा
बहाल करने का लाख दावा पेश कर लें पर धरातल पर हकीकत कुछ और है. एक तो अस्पताल में
दवाइयों की घोर कमी है ऊपर से अस्पताल चिकित्सक की कमी का भी रोना रो रहा है. और
ऐसे में ये असंभव नहीं कि गरीब तबके के लोग काफी परेशान रहकर बिना दवाई और इलाज के
दम तोड़ दें.
मुरहो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से रहते हैं चिकित्सक फरार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 11, 2015
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