बाढ़ राहत घोटाले में निगरानी विभाग ने लिया संज्ञान !

2008 की कुसहा त्रासदी के जख्म अभी नहीं भरे हैं. कहते हैं कि बाढ़ राहत के नाम पर कोसी में जितनी बड़ी लूट हुई उसने लूट के कई बड़े-बड़े रिकॉर्ड को धरासायी कर दिया और इसके साथ ही धराशायी हुए लाखों लोगों के सपने जो शायद फिर से जुड नहीं पाए.
और अब करीब साढ़े छ: साल बाद मधेपुरा के कुमारखंड प्रखंड के कथित लूट के सम्बन्ध में निगरानी विभाग के द्वारा लिए गए संज्ञान के बाद कुमारखंड प्रखंड सहित जिले में खलबली मची है. माना जाता है कि लूट में शामिल अधिकारी तथा बिचौलियों में इसकी सूचना के बाद हडकंप मचा हुआ है. अब लोगों में जहाँ एक नई उम्मीद जगी है वहीँ राजद विधायक ने कहा कि सख्ती से जाँच कर इन अधिकारियों और बिचौलियों पर आवश्यक कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए. राजद विधायक प्रो० चंद्रशेखर कहते हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो वे सदन में भी इस मामले को उठाएंगे. 

क्या था मामला?: वर्ष 2008 में आई प्रलयंकारी बाढ़ ने जहाँ कई घर सहित कुमारखंड प्रखंड के अधिकाँश गावों को अपने आगोश लेकर तबाही का मंजर खड़ा कर दिया था वहीँ लाखों लोग तबाह व बर्बाद हो गए थे. सरकार ने फसल, बाढ़ क्षतिपूर्ति मुआवजा व अन्य मुआवाजा हेतु प्रखंड को राशि उपलब्ध कराया लेकिन बिचौलिए राशि की बन्दरबाँट कर करोड़ों डकार गए और बहुत से पीड़ितों तक मुआवजे की राशि नहीं पहुँच पाई. इन बिचौलियों के साथ अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. बाढ़ की त्रासदी की मार झेल रहे एक पीड़ित श्यामानन्द सिंह  ने जब 2009 में सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारियाँ हासिल की तो उन्हें इसमें घोटाले की बू नजर आई. पीड़ित ने निगरानी विभाग की शरण ली और अब जब साढ़े छ: साल बाद निगरानी विभाग ने संज्ञान लेकर विस्तृत जाँच के लिए सम्बंधित कागजातों और अभिलेखों की मांग की है, तो इससे जुड़े अधिकारियों और बिचौलियों पर निगरानी की गाज गिरने की पूरी सम्भावना बन गई है. जिला आपदा पदाधिकारी कन्हैया प्रसाद ने भी निगरानी जांच की जानकारी होने की बात कही है.
त्रासदी के 6 साल बाद भी बहुत से पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिलना सरकार और इसके अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है. बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कब तक मिलेगा पीड़ितों को न्याय और कब तक घोटाले में संलिप्त लोग जायेंगे जेल.        
बाढ़ राहत घोटाले में निगरानी विभाग ने लिया संज्ञान ! बाढ़ राहत घोटाले में निगरानी विभाग ने लिया संज्ञान ! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 28, 2015 Rating: 5

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